Monday, 9 January 2017

नकारात्मक विचार क्यों आते हैं ? .....

नकारात्मक विचार क्यों आते हैं ? .....
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कई बार बड़े नकारात्मक विचार आते हैं, अतः इसका कारण समझने के लिए मैनें काफी चिंतन किया| आज प्रातः कुछ देर के लिए बड़ी नकारात्मकता थी| मैंने इसका कारण जानना चाहा और पूरे मानसिक घटनाक्रम का विश्लेषण किया तो इसका उत्तर भी मुझे मिल गया जिसे मैं आप सब के साथ साझा करना चाहता हूँ|
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मैंने पाया कि जिस दिन भी मैंने प्रातःकाल में उठते ही प्रातःस्मरणीय महापुरुषों का स्मरण किया और परमात्मा का ध्यान किया उस के बाद लगभग पूरे दिन ही कोई नकारात्मक विचार नहीं आया|
जब किसी नकारात्मक व्यक्ति से मिलना होता है या उसकी स्मृति आती है, तब थोड़ी देर में ही एक गहरी नकारात्मकता भी आ जाती है|
इसीलिए शास्त्रों में कहा है कि कुसंग का सर्वदा त्याग करना चाहिए| किसी नकारात्मक व्यक्ति का स्मरण भी कुसंग होता है|
आज जब नकारात्मकता आई इसका कारण यही था कि प्रातः एक नकारात्मक व्यक्ति कि याद बहुत देर तक आ रही थी| मुझे उसी समय उस से विपरीत गुण वाले व्यक्ति, या गुरुदेव या भगवान के किसी नाम का नाम-जप करना चाहिए था, जो मैंने नहीं किया| अतः एक गहरी नकारात्मकता छा गयी|
परमात्मा के निरंतर चिंतन का अभाव ही नकारात्मकता को जन्म देता है| अतः हमें अपने दिन का प्रारम्भ भी परमात्मा के चिंतन से करना चाहिए, और समापन भी परमात्मा के चिंतन से करना चाहिए| हर समय परमात्मा की स्मृति भी रहनी चाहिए|

ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ !!

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