अल्पसंख्यकवाद से मुक्ति कैसे मिले ? ---
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मैं कुछ बातें इस मंच के प्रबुद्ध पाठकों से जानना चाहता हूँ। यदि हो सके तो कृपया मुझे इसकी जानकारी दें। यह मैं मात्र अपनी जानकारी के लिए पूछ रहा हूँ, किसी के प्रति द्वेष की भावना मेरे में नहीं है। मैं यही जानना चाहता हूँ कि भारत में अल्पसंख्यकवाद का वैधानिक आधार और मापदंड क्या है? इसे मैं अपनी अल्प बुद्धि से समझ नहीं पाया हूँ।
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(२) भारत में जब धर्म के नाम पर तथाकथित अल्पसंख्यकों को विशेष सुविधा प्राप्त है, तो यह सुविधा यहूदी मत के अनुयायियों को क्यों नहीं है? अल्पसंख्यक आयोग में एक भी यहूदी नहीं है।
(३) जब धर्म के नाम पर कुछ तथाकथित अल्पसंख्यकों को भारत में विशेष सुविधाएँ प्राप्त हैं, तो ये सुविधाएँ उन लोगों को क्यों नहीं है जो स्वतंत्र विचारक हैं, और किसी भी मत में आस्था नहीं रखते? वे भी तो धार्मिक अल्पसंख्यक हैं।
(४) भारत सरकार ने जैन मतावलंबियों को अल्पसंख्यक घोषित किया है। यहाँ मैं एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ। श्रमण परम्परा में भगवान महावीर स्वामी जन्मजात वर्ण व्यवस्था के घोर विरुद्ध थे। उनका कथन था कि बिना कैवल्य पद को प्राप्त किये कोई सत्य का बोध नहीं कर सकता। जैन मत का लक्ष्य ही 'वीतरागता' है, और जैन वह है जो जितेन्द्रिय है। अतः 'जैन' कोई जाति नहीं हो सकती, अपितु एक मत है। जैन मत का पालन करने के लिए जैन परिवार में जन्म लेना अनिवार्य नहीं है, कोई भी जैन मत का पालन कर सकता है। अतः जैन मतावलम्बी किस आधार से अल्पसंख्यक हुए? यह मेरी समझ से परे है। मेरा निवेदन है की कोई इस पर प्रकाश डाले।
(५) कई वर्षों पूर्व 'रामकृष्ण मिशन' और 'आर्य समाज' ने स्वयं को धार्मिक अल्पसंख्यक घोषित किये जाने का अनुरोध किया था जिसे ठुकरा दिया दिया गया था। जिस आधार पर वह ठुकराया गया था वह भी मेरी समझ से परे है। मेरा अनुरोध है कि कोई मुझे समझाये|।
(६) इस प्रकार से तो सनातन वैदिक धर्म को मानने वाले भी भारत में धार्मिक अल्पसंख्यक हैं। उन को भी अल्पसंख्यक की श्रेणी में सम्मिलित किये जाने के लिए आन्दोलन करना चाहिए। इतना ही नहीं जितने भी सम्प्रदाय और मत-मतान्तर भारत में हैं उन सब को अपने आप को धार्मिक अल्पसंख्यक घोषित करवाने के लिए आन्दोलन करना चाहिए।
(७) जब सभी अपने आप को अल्पसंख्यक घोषित करवाने की चेष्टा करेंगे, लगता है तभी भारत को अल्पसंख्यकवाद से मुक्ति मिलेगी। अन्य कोई मार्ग नहीं है। भारत में सभी लोग धार्मिक अल्पसंख्यक हैं।
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अल्पसंख्यक होने का मापदंड क्या है?
इस विषय पर एक राष्ट्रीय बहस छेड़ी जाए क्योंकि यह एक राष्ट्रीय महत्त्व का मुद्दा है।
धन्यवाद !! ॐ तत्सत् !! ॐ स्वस्ति !!
कृपा शंकर
१ फरवरी २०१४
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