Friday, 31 January 2025

भारत में "अल्पसंख्यक" कौन है?

 भारत में "अल्पसंख्यक" कौन है?

अल्पसंख्यक होने का मापदंड क्या है? यह "अल्पसंख्यक शब्द वैधानिक रूप से परिभाषित नहीं है| अल्पसंख्यकता का आधार क्या है? भारत में हिन्दू संगठित नहीं हैं, और विभिन्न जातियों में बँटे हुए हैं| भारत की हर जाति को, हर संप्रदाय व मत के अनुयायियों को चाहिए कि वे स्वयं को अल्पसंख्यक घोषित करवाने के लिए आंदोलन करें| भारत में जब धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों को विशेष सुविधा प्राप्त है तो यह सुविधा यहूदी और पारसी धर्म के अनुयायियों को क्यों नहीं है? यहूदी और पारसी वास्तव में अल्पसंख्यक हैं|अल्पसंख्यक आयोग में एक भी यहूदी और पारसी नहीं है| जब धर्म के नाम पर कुछ अल्पसंख्यकों को भारत में विशेष सुविधाएं प्राप्त हैं तो ये सुविधाएँ उन लोगों को क्यों नहीं है जो स्वतंत्र विचारक हैं या नास्तिक हैं? वे भी तो धार्मिक अल्पसंख्यक है| कई वर्ष पूर्व 'रामकृष्ण मिशन' और 'आर्य समाज' ने स्वयं को धार्मिक अल्पसंख्यक घोषित किये जाने का अनुरोध किया था जिसे ठुकरा दिया दिया गया था| जिस आधार पर वह ठुकराया गया था वह भी मेरी समझ से परे है| जब सभी अपने आप को अल्पसंख्यक घोषित करवाने की चेष्टा करेंगे तभी भारत को अल्पसंख्यकवाद से मुक्ति मिलेगी| अन्य कोई मार्ग नहीं है| भारत में सभी लोग धार्मिक अल्पसंख्यक हैं| इस विषय पर एक राष्ट्रीय बहस छेड़ी जाए क्योंकि यह एक राष्ट्रीय महत्त्व का मुद्दा है| धन्यवाद|
१ फरवरी २०२०

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