किसी की शवयात्रा में -- "राम नाम सत्य है" का उद्घोष क्यों करते हैं? ---
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मृत्यु एक अटल सत्य है। जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु भी होगी ही। जब किसी की शव यात्रा जा रही होती है तब मृतक के परिजन "राम नाम सत्य है" कहते हुए ही जाते हैं। इसके पीछे एक कारण है। भौतिक शरीर की मृत्यु के उपरांत जीवात्मा की उसके पुण्यों/पापों के अनुसार गति होती है। अधिकाँश मनुष्यों के अच्छे पुण्य नहीं होते, अतः वे अपनी मृत देह के आसपास भटकते रहते हैं, और अपनी वासना की पूर्ति हेतु औरों की देह में प्रवेश करने का प्रयास करते हैं। राम का नाम लेने से उपस्थित लोगों के ऊपर एक रक्षा-कवच का निर्माण होता है जो उनकी रक्षा करता है।
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राम नाम निर्विवाद रूप से परम सत्य है। चाहे निर्गुण हो या सगुण, "राम" शब्द एक महामंत्र है। राम नाम के निरंतर जाप से सद्गति प्राप्त होती है। "र" अग्नि का बीज मन्त्र है (दाहक), "आ" सूर्य का बीज मन्त्र है (प्रकाशक), और "म" चन्द्रमा का बीज मन्त्र है (शीतलता)। "र" शोक-मोह-कर्मबन्धन का दाहक, "आ" ज्ञान का प्रकाशक और "म" मन को शान्त, शीतल करने वाला। यह अक्षर ब्रह्म है। ‘रा’ शब्द परिपूर्णता का बोधक है और ‘म’ शब्द परमेश्वर का वाचक है।
ॐ तत्सत् !!
६ नवंबर २०२१
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