Saturday, 13 November 2021

रूप-चतुर्दशी/ नर्क-चतुर्दशी/ छोटी दीपावली का मंगलमय अभिनंदन ---

 आज का दिन ज्ञान के प्रकाश से जगमगाने का दिन है.

रूप-चतुर्दशी/ नर्क-चतुर्दशी/ छोटी दीपावली का मंगलमय अभिनंदन ---
.
आज छोटी दीपावली है जिसे "रूप-चतुर्दशी" और "नर्क-चतुर्दशी" भी कहते हैं।
आज रूप निखारने का दिन है। आज के दिन सूर्योदय से पूर्व शरीर पर तेल व उबटन लगा कर एक बाल्टी में जल भरकर उसमें अपामार्ग के पौधे का टुकड़ा डाल कर उस जल से स्नान करने का महत्त्व है। अपामार्ग का पौधा न मिले तो एक बहुत ही कड़वा फल पास में रखते हैं जो सारी नकारात्मक ऊर्जा को अपने भीतर ले लेता है। सूर्योदय से पूर्व स्नान करते समय स्नानागार में एक दीपक भी जलाने की प्रथा रही है। कहीं-कहीं उबटन के स्थान पर तिल के तेल की मालिश और पानी में चिरचिरी के पत्ते डालकर भी नहाते हैं।
.
स्नान के उपरांत भगवान श्रीकृष्ण की उपासना की जाती है। ऐसा करने से पापों का नाश होता है और रूप व सौंदर्य की प्राप्ति होती है। इसलिए इसे रूप-चतुर्दशी कहते हैं। महिलाएँ इस दिन सौलह शृंगार करती हैं।
.
आज के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ मिलकर नरकासुर नामक राक्षस का बध किया था। युद्ध करते करते भगवान श्रीकृष्ण कुछ समय के लिए मूर्छित हो गए थे, तब सत्यभामा ने उस राक्षस से भयानक युद्ध आरंभ किया और अपने दिव्यास्त्रों से उसका बध कर डाला। नरकासुर ने सौलह हजार एकसौ स्त्रियों को बंदी बना रखा था, वे स्वतंत्र हुईं और उन्हें सम्मान प्राप्त हुआ। अतः इस दिन को नर्क-चतुर्दशी भी कहते हैं।
.
आज के दिन को छोटी दीपावली भी कहते हैं। इस दिन के बारे में एक कथा पुण्यात्मा राजा रंतिदेव के बारे भी है। बंगाल में यह दिन काली-चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। एक कथा के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण करके देवताओं को राजा बलि के आतंक से मुक्ति दिलाई थी।
भारत में कहीं कहीं आज के दिन हनुमान जी की भी विशेष आराधना होती है।
.
आज के दिन तेल उबटन लगाकर सूर्योदय से पूर्व स्नान करने से देह रूपवान हो जायेगी। रूप चौदस का दिन बहुत ही शुभ दिन है अतः प्रसन्न रहकर भक्तिभाव से अपने इष्ट की उपासना करें।
रूप चतुर्दशी/ नर्क चतुर्दशी/ छोटी दीपावली की मंगलमय शुभ कामनाएँ। भगवान श्रीकृष्ण सभी का कल्याण करें।
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
३ नवंबर २०२१

No comments:

Post a Comment