Saturday, 13 November 2021

मैं कौन हूँ? ---

 मैं कौन हूँ?

मैं भगवान का परमप्रेम, संपूर्णता और आनंद हूँ। मैं सम्पूर्ण सृष्टि के साथ एक हूँ। यह पूरा ब्रह्मांड, सारी आकाश गंगाएँ -- उनके सारे नक्षत्र और उनके सारे ग्रह, उपग्रह -- मेरी ही देह के भाग हैं। यह ध्रुव तारा-मण्डल भी मेरी ही देह का भाग है, जिसके प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में ४३४ वर्ष लगे हैं। यह दहराकाश, महाकाश, और अनंताकाश भी मैं हूँ। इस अनंतता के पीछे के हिरण्यमय लोक भी मैं हूँ। मैं सम्पूर्ण अस्तित्व हूँ, यह भौतिक देह और यह व्यक्ति नहीं। ये नाम-रूप सब प्रतीकात्मक हैं, जो भगवान की ओर ही संकेत करते हैं। मैं हरिःहर का तेज और उनके साथ एक हूँ। कहीं कोई भेद नहीं है। ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
७ नवंबर २०२१

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