Saturday, 13 November 2021

धनतेरस/धन्वन्तरि-जयंती की मंगलमय शुभ कामनाएँ ---

 धनतेरस/धन्वन्तरि-जयंती की मंगलमय शुभ कामनाएँ ---

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आज कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धन्वन्तरि का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। धन्वन्तरि देवताओं के चिकित्सक हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसका लौकिक धन-संपत्ति से कोई सम्बन्ध नहीं है।
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धनतेरस के संदर्भ में एक लोक कथा प्रचलित है कि एक बार यमराज से एक यमदूत ने पूछा कि अकाल-मृत्यु से बचने का कोई उपाय है क्या? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए यम देवता ने कहा कि जो प्राणी धनतेरस की शाम यम के नाम पर दक्षिण दिशा में दीया जलाकर रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस मान्यता के अनुसार धनतेरस की शाम लोग आँगण मे यम देवता के नाम पर दीप जलाकर रखते हैं।
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धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे, तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था। भगवान धन्वन्तरि चूंकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। कहीं कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें तेरह गुणा वृद्धि होती है, लेकिन मैं इस बात को नहीं मानता। सबसे बड़ा धन अच्छा स्वास्थ्य है। धनतेरस के दिन दीप जला कर भगवान से अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करें। बेकार में प्रचलित रीति-रिवाजों के अनुसार सोना-चांदी आदि खरीदने के लिए न दौड़ें, और अपने बड़े परिश्रम से कमाए धन को नष्ट न करें। अपने स्वास्थ्य की रक्षा करें। धन्यवाद ! पुनश्च धन तेरस की शुभ कामनाएँ और नमन !!
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ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२ नवम्बर २०२१
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पुनश्च: --- हर साल, राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस को आयुष मंत्रालय द्वारा धन्वंतरि जयंती यानी धनतेरस के दिन मनाया जाता है। जब इंसान को दवाओं की समझ नहीं थी तब रोगों का उपचार आयुर्वेद के माध्यम से ही किया जाता था और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है इसलिए इसकी महता है।

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