Thursday 5 August 2021

हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम (Prophet Abraham) कौन से मज़हब को मानने वाले थे? ---

 

हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम (Prophet Abraham) कौन से मज़हब को मानने वाले थे? इसके बारे में कोई जानकारी मुझे नहीं है।
यहूदी मज़हब तो उनके छोटे बेटे हज़रत इसाक़ (Prophet Isaac) ने चलाया था।
उनके बड़े बेटे हज़रत इस्माइल अलैहिस्सलाम के वंश में बढ़ई दाऊद के घर पर हज़रत ईसा मसीह पैदा हुए थे, जिन्होने ईसाई मज़हब चलाया।
हज़रत इस्माइल अलैहिस्सलाम के ही वंश में हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पैदा हुए जिन्होने इस्लाम मज़हब को चलाया।
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इसीलिए ये तीनों मज़हब (यहूदीयत, ईसाईयत और इस्लाम) इब्राहिमी मजहब (Abrahamic Religions) कहलाते हैं। इन तीनों के मूल पुरुष हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम (Prophet Abraham) हैं।
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आज का इस्लामी त्योहार ईद अल-अज़हा या बकरीद (अरबी में عید الاضحیٰ; ईद-उल-अज़हा अथवा ईद-उल-अद्'हा - जिसका मतलब क़ुरबानी की ईद) इस्लाम में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख पर्व है। इसके पीछे हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम और उनके बड़े बेटे हज़रत इस्माइल अलैहिस्सलाम से जुड़ी हुई एक बहुत लंबी गाथा है, जिसे यहाँ लिखना असंभव है। इसे आप इन्टरनेट पर सर्च कर के पढ़ सकते हैं।
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पुनश्च: -- एक-दो बातें जो मुझे समझ में नहीं आईं, उन पर अपनी शंका पूर्ण सम्मान से व्यक्त कर रहा हूँ। ये उन सभी की शंकाएं हैं जो मुसलमान नहीं हैं। इसमें किसी की निंदा या बुराई नहीं है --
(१) हज़रत इब्राहिम और उनके बेटे हज़रत इस्माइल के समय तो इस्लाम का जन्म ही नहीं हुआ था, फिर ये किस मजहब को मानते थे?
(२) हज़रत इब्राहिम जैसा अल्ला का भक्त, आज तक और कोई पैदा क्यों नहीं नहीं हुआ? उन्होंने तो अल्ला को खुश करने के लिए अपने सबसे प्रिय बड़े बेटे इस्माइल की कुर्बानी दे दी, और अल्ला ने उसे जीवित कर दिया। लेकिन उस घटना की याद में इस त्योहार पर करोड़ों निरीह मूक पशुओं की बड़ी क्रूरता से हत्या क्यों की जाती है?
किसी भी तरह की अभद्र टिप्पणी न करें।

1 comment:

  1. मूल रूप से यहूदियत, ईसाईयत और इस्लाम -- तीनों एक ही हज़रत इब्राहिम अलैहिस्सलाम ( Prophet Abraham) की संताने हैं। इसलिए ये तीनों इब्राहिमी मज़हब (Abrahamic Religions) कहलाते हैं।
    हज़रत इब्राहिम के बड़े बेटे हजरत इसाक ने यहूदी मज़हब चलाया था, जिनकी नस्ल में हज़रत ईसा (Jesus Christ) हुए, जिनसे ईसाई मज़हब चला।
    हजरत इब्राहिम के छोटे बेटे हज़रत इस्माइल की नस्ल में पैगंबर मोहम्मद (सल्लाहो अलैहि वसल्लम) साहब हुए, जो इस्लाम के प्रमुख पैगंबर हैं।
    अतः ये तीनों मज़हब मूल रूप से एक ही वंश के हैं।
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    इनका विवाद वर्चस्व के लिए तीन भाइयों के परिवारों के मध्य का खूनी विवाद है, और कुछ नहीं। आमने सामने एक टेबल पर बैठकर ये शांतिपूर्ण तरीके से अपने विवादों का समाधान करें।
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    पिछले वर्ष आज ही के दिन इज़राइल में एक घटना घटी थी जिस से पूरा विश्व स्तब्ध रह गया था। इज़राइली सेना पर भटके हुए फिलिस्तीनी नवयुवकों ने पत्थरबाजी की, उन सब भटके हुए नौजवानों को इजराइली सेना ने गोली से उड़ा दिया। पास ही की एक मस्जिद में हमास के भटके हुए नौजवान छिपे हुए थे। उस पूरी मस्जिद को ही बारूद से उड़ाकर वहाँ की सेना ने सभी को मार दिया। किसी को भी जीवित नहीं छोड़ा।
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    ऐसी घटनाएँ फिर न हों, आपस में अपने भाईचारे को बनाये रखें। यह हाथ जोड़कर सभी से प्रार्थना है।
    १४ मई २०२२

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