Thursday 5 August 2021

सम्पूर्ण जगत - परमात्मा की अभिव्यक्ति है ---

सत्यं ज्ञानं अनन्तं ब्रह्म --- सम्पूर्ण जगत - परमात्मा की अभिव्यक्ति है। देर-सबेर हम सब का परमात्ममय हो जाना निश्चित है। परमात्मा को स्वयं में व्यक्त होने दो। अपने अहं को परमात्मा के अहं में पूरी तरह समर्पित कर दो। ब्रह्म (परमात्मा) -- सत्य, ज्ञान, आनन्द, व अनंत है। स्थूल से भी स्थूल, और सूक्ष्म से भी सूक्ष्म है। वह परम चैतन्य है। वह परमब्रह्म परमात्मा ही जगत-रूप होकर दिखाई दे रहा है। सम्पूर्ण जगत ब्रह्ममय है। उससे प्रेम हो जाये तो वह स्वयं अपनी संतानों का मार्ग-दर्शन करता है। 

अपनी आस्था को विचलित न होने दें। परमात्मा का अधिक से अधिक ध्यान करें। अन्धकार, असत्य और अज्ञान की शक्तियों का निश्चित नाश होगा।

ॐ तत्सत् !! ॐ स्वस्ति !!

१० जुलाई २०२१

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