राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति आर्थिक हितों से चलती है, भावनाओं से नहीं ....
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राजनीति में चाहे वह एक व्यक्ति हो या चाहे कोई एक देश, अपनी नीतियाँ अपने राष्ट्र के आर्थिक हितों से बनाता है, भावनाओं से नहीं|
ये जितने भी... साम्यवाद, पूँजीवाद, समाजवाद आदि वाद हैं वे सब जनता को सिर्फ मूर्ख बनाने के लिए हैं| इनसे असली लाभ राजनेताओं को ही है|
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कोंग्रेस के राज में नीतियाँ बनती थीं गाँधी परिवार, राजनेताओं व बड़े अधिकारियों के आर्थिक हित के लिए| देशहित तो सिर्फ दिखावा था|
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भाजपा ने भी कांग्रेस के शासन के समय किये हुए बड़े-बड़े घोटालों पर कोई कानूनी कार्यवाई न करके एक भी कांग्रेसी नेता को अभी तक जेल नहीं भेजा है, क्योंकि उन नेताओं के साथ साथ कई बड़े-बड़े पूँजीपति भी जेल चले जायेंगे जो ऐसा होने पर भाजपा की सरकार को गिरा देने की सामर्थ्य रखते हैं| 2G आदि घोटालों में सिर्फ राजनेताओं का ही नहीं सारी टेलिकॉम कम्पनियों के मालिकों का भी हाथ था जो अब भाजपा के साथ हैं|
इसीलिए भाजपा ने वित्त मंत्रालय सुब्रमण्यम स्वामी जैसे महान अर्थशास्त्री को न देकर अरुण जेटली जैसे विख्यात वकील को दे रखा है क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में सुब्रमण्यम स्वामी किसी की नहीं सुनते|
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पूँजी का धर्म .... कोई दल, देश, जाती व नस्ल नहीं होती| पूँजी का एकमात्र धर्म है ..... मुनाफ़ा|
जिधर अधिक मुनाफ़ा हो पूँजी उधर ही भागती है| यह एक कटु सत्य है|
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चीन और अमेरिका दिखाने के लिए चाहे कितने भी बड़े शत्रु हों, पर दोनों के इतने गहरे आर्थिक हित हैं कि दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते| चीन में मज़दूरी बहुत अधिक सस्ती है, क्योंकि वहाँ के मजदूर कानूनन हड़ताल नहीं कर सकते और काम के लिए मना भी नहीं कर सकते| अतः अमेरिका ने वहाँ अपना अधिकाँश धन लगा कर कारखाने बना रखे हैं जहाँ से माल बनकर अमेरिका जाता है| शुरू में दोनों देश इससे बहुत खुश थे| पर अब एक नया संकट खड़ा हो रहा है| चीन से अमेरिकी व अन्य विदेशी कम्पनियां अपना सारा मुनाफ़ा कमाकर बापस अपने देशों में भेज रही है, जिससे चीन को कुछ भी लाभ अब नहीं हो रहा है| जितना पैसा चीन में आता है उससे अधिक तो बाहर चला जाता है|
अमेरिका में भी उद्योग-धंधे बाहर चले जाने से बेरोजगारी बढ़ गयी है| इसी परिस्थिति का लाभ उठाकर लोगों की भावनाओं को भड़का कर ट्रम्प राष्ट्रपति बन गए हैं| अब अमेरिका भी पछता रहा है क्योंकि अपने उद्योग-धंधे तो चीन से बापस ला ही नहीं सकता जो कारखानों के रूप में वहाँ हैं| चीन जब चाहे तब उस संपत्ति को जब्त कर सकता है| बस यही एकमात्र कारण है दोनों देशों में व्याप्त तनाव का| इसका परिणाम युद्ध भी हो सकता है|
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विश्व के जितने भी जिहादी आतंकी संगठन हैं वे सब अमेरिका ने ही खड़े किये हैं जिनके माध्यम से अमेरिका अरब देशों का तेल लूट रहा है| जिस दिन उनका तेल समाप्त हो जाएगा उसी दिन अमेरिका, अन्य योरोपीय देशों व इजराइल के साथ मिलकर अरबों को बुरी तरह लूट कर बापस पाषाण युग में ला कर खडा कर देगा जहाँ वे फिर से गधों पर ही सवारी करेंगे| जब तक आतंकी संगठन अपने आका अमेरिका की बात मानते हैं तब तक तो ठीक है, पर जिस दिन अमेरिका के कहने में नहीं चलते अमेरिका उन्हें ठोक-पीट कर ठंडा कर देता है|
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भारत को अपने नियंत्रण में रखने के लिए ही अमेरिका पकिस्तान को हथियार देता है ताकि भारत अमेरिका से हथियार खरीदता रहे और डर कर रहे| अमेरिका कभी नहीं चाहेगा कि भारत में सुख-शांति रहे| चीन भी भारत को बर्बाद करना चाहता है पर कर नहीं पा रहा क्योंकि भारत उसके लिए एक बहुत बड़ा बाजार है| भारतीय लोग यदि अपना लालच छोड़कर चीनी सामान खरीदना बंद कर दें तो चीन में हाहाकार मच जाएगा| चीन का साम्यवाद एक ढकोसला है जिसका मार्क्स से कोई लेना देना नहीं है| चीन की मुख्य नीति ही है अपना भौगोलिक विस्तार|
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वर्त्तमान में नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति, सैन्य नीति और आर्थिक नीतियाँ सही हैं| हमें सैन्य रूप से और आर्थिक रूप से अति शक्तिशाली बनना होगा| विदेशी मामलों में कूटनीति भी हमारी बहुत प्रभावशाली होनी चाहिए|
अमेरिका ने दादागिरी से डॉलर को विश्वमुद्रा बना रखा है| जिस दिन डॉलर को अन्य देश अस्वीकार कर देंगे अमेरिका की दादागिरी समाप्त हो जायेगी| ऐसा वातावरण अब बनने लगा है| भारत अब एक महाशक्ति बनने के कगार पर ही है|
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वन्दे मातरम् | भारत माता की जय | जय जननी जय भारत | ॐ ॐ ॐ ||
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राजनीति में चाहे वह एक व्यक्ति हो या चाहे कोई एक देश, अपनी नीतियाँ अपने राष्ट्र के आर्थिक हितों से बनाता है, भावनाओं से नहीं|
ये जितने भी... साम्यवाद, पूँजीवाद, समाजवाद आदि वाद हैं वे सब जनता को सिर्फ मूर्ख बनाने के लिए हैं| इनसे असली लाभ राजनेताओं को ही है|
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कोंग्रेस के राज में नीतियाँ बनती थीं गाँधी परिवार, राजनेताओं व बड़े अधिकारियों के आर्थिक हित के लिए| देशहित तो सिर्फ दिखावा था|
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भाजपा ने भी कांग्रेस के शासन के समय किये हुए बड़े-बड़े घोटालों पर कोई कानूनी कार्यवाई न करके एक भी कांग्रेसी नेता को अभी तक जेल नहीं भेजा है, क्योंकि उन नेताओं के साथ साथ कई बड़े-बड़े पूँजीपति भी जेल चले जायेंगे जो ऐसा होने पर भाजपा की सरकार को गिरा देने की सामर्थ्य रखते हैं| 2G आदि घोटालों में सिर्फ राजनेताओं का ही नहीं सारी टेलिकॉम कम्पनियों के मालिकों का भी हाथ था जो अब भाजपा के साथ हैं|
इसीलिए भाजपा ने वित्त मंत्रालय सुब्रमण्यम स्वामी जैसे महान अर्थशास्त्री को न देकर अरुण जेटली जैसे विख्यात वकील को दे रखा है क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में सुब्रमण्यम स्वामी किसी की नहीं सुनते|
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पूँजी का धर्म .... कोई दल, देश, जाती व नस्ल नहीं होती| पूँजी का एकमात्र धर्म है ..... मुनाफ़ा|
जिधर अधिक मुनाफ़ा हो पूँजी उधर ही भागती है| यह एक कटु सत्य है|
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चीन और अमेरिका दिखाने के लिए चाहे कितने भी बड़े शत्रु हों, पर दोनों के इतने गहरे आर्थिक हित हैं कि दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते| चीन में मज़दूरी बहुत अधिक सस्ती है, क्योंकि वहाँ के मजदूर कानूनन हड़ताल नहीं कर सकते और काम के लिए मना भी नहीं कर सकते| अतः अमेरिका ने वहाँ अपना अधिकाँश धन लगा कर कारखाने बना रखे हैं जहाँ से माल बनकर अमेरिका जाता है| शुरू में दोनों देश इससे बहुत खुश थे| पर अब एक नया संकट खड़ा हो रहा है| चीन से अमेरिकी व अन्य विदेशी कम्पनियां अपना सारा मुनाफ़ा कमाकर बापस अपने देशों में भेज रही है, जिससे चीन को कुछ भी लाभ अब नहीं हो रहा है| जितना पैसा चीन में आता है उससे अधिक तो बाहर चला जाता है|
अमेरिका में भी उद्योग-धंधे बाहर चले जाने से बेरोजगारी बढ़ गयी है| इसी परिस्थिति का लाभ उठाकर लोगों की भावनाओं को भड़का कर ट्रम्प राष्ट्रपति बन गए हैं| अब अमेरिका भी पछता रहा है क्योंकि अपने उद्योग-धंधे तो चीन से बापस ला ही नहीं सकता जो कारखानों के रूप में वहाँ हैं| चीन जब चाहे तब उस संपत्ति को जब्त कर सकता है| बस यही एकमात्र कारण है दोनों देशों में व्याप्त तनाव का| इसका परिणाम युद्ध भी हो सकता है|
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विश्व के जितने भी जिहादी आतंकी संगठन हैं वे सब अमेरिका ने ही खड़े किये हैं जिनके माध्यम से अमेरिका अरब देशों का तेल लूट रहा है| जिस दिन उनका तेल समाप्त हो जाएगा उसी दिन अमेरिका, अन्य योरोपीय देशों व इजराइल के साथ मिलकर अरबों को बुरी तरह लूट कर बापस पाषाण युग में ला कर खडा कर देगा जहाँ वे फिर से गधों पर ही सवारी करेंगे| जब तक आतंकी संगठन अपने आका अमेरिका की बात मानते हैं तब तक तो ठीक है, पर जिस दिन अमेरिका के कहने में नहीं चलते अमेरिका उन्हें ठोक-पीट कर ठंडा कर देता है|
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भारत को अपने नियंत्रण में रखने के लिए ही अमेरिका पकिस्तान को हथियार देता है ताकि भारत अमेरिका से हथियार खरीदता रहे और डर कर रहे| अमेरिका कभी नहीं चाहेगा कि भारत में सुख-शांति रहे| चीन भी भारत को बर्बाद करना चाहता है पर कर नहीं पा रहा क्योंकि भारत उसके लिए एक बहुत बड़ा बाजार है| भारतीय लोग यदि अपना लालच छोड़कर चीनी सामान खरीदना बंद कर दें तो चीन में हाहाकार मच जाएगा| चीन का साम्यवाद एक ढकोसला है जिसका मार्क्स से कोई लेना देना नहीं है| चीन की मुख्य नीति ही है अपना भौगोलिक विस्तार|
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वर्त्तमान में नरेन्द्र मोदी की विदेश नीति, सैन्य नीति और आर्थिक नीतियाँ सही हैं| हमें सैन्य रूप से और आर्थिक रूप से अति शक्तिशाली बनना होगा| विदेशी मामलों में कूटनीति भी हमारी बहुत प्रभावशाली होनी चाहिए|
अमेरिका ने दादागिरी से डॉलर को विश्वमुद्रा बना रखा है| जिस दिन डॉलर को अन्य देश अस्वीकार कर देंगे अमेरिका की दादागिरी समाप्त हो जायेगी| ऐसा वातावरण अब बनने लगा है| भारत अब एक महाशक्ति बनने के कगार पर ही है|
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वन्दे मातरम् | भारत माता की जय | जय जननी जय भारत | ॐ ॐ ॐ ||
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