Saturday, 22 February 2025

गुरुकुल शिक्षा पद्धति ही सर्वश्रेष्ठ है --- .

 गुरुकुल शिक्षा पद्धति ही सर्वश्रेष्ठ है ---

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राष्ट्र को आवशयकता है लाखों ऐसे विद्यार्थियों की जो गुरुकुलों में वेदांगों और श्रुतियों (वेदों) का स्वाध्याय करते हुए आधुनिक विज्ञान, वाणिज्य और कलाओं में भी निष्णात हो सकें।
बहुत बड़ी संख्या में उपाध्यायों और आचार्यों की भी आवश्यकता है।
जो वेदांगों (शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, छन्द और निरुक्त) की शिक्षा देते हैं, वे उपाध्याय कहलाते हैं। वेदों को समझने के लिए वेदांगों का ज्ञान होना अति आवश्यक है।
जो अपने आचरण और ज्ञान से श्रुतियों (वेदों) की शिक्षा देते हैं, वे आचार्य कहलाते हैं। उपाध्याय और आचार्य दोनों ही परम विद्वान होते हैं।
फिर अन्य विषयों के भी उप आचार्य होते हैं।
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आगे के लेखों में आध्यात्म की ही बात करेंगे। ॐ तत्सत् !!
५ जुलाई २०२४

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