Saturday, 22 February 2025

यह संसार तमोगुण और रजोगुण से चल रहा है ---

मैं आध्यात्म की बात नहीं कर रहा, भौतिक जगत की वास्तविकता की बात कर रहा हूँ। भौतिक जगत में इस समय विश्व की सत्ता तीन आसुरी स्थानों से नियंत्रित हो रही है, और चार आसुरी गिरोह हैं जो विश्व को अपने अधिकार में रखे हुए हैं। जो भी इनका विरोध करता है उसे नष्ट कर दिया जाता है। हम लोग सिर्फ भावनात्मक रूप से मूर्ख मोहरे हैं।

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विश्व को नियंत्रित करने वाले तीन आसुरी केंद्र हैं --
(१) सिटी ऑफ लंदन, (२) वाशिंगटन डीसी, और (३) वेटिकन।
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विश्व को जिन्होंने अपनी मुट्ठी में कर रखा है, वे चार आसुरी गिरोह हैं --
(१) विश्व में नशीले पदार्थों का कारोबार करने वालों का गिरोह।
(२) विश्व में युद्ध के हथियार बनाकर बेचने वालों का गिरोह।
(३) विश्व में दवा बनाकर बेचने वालों का गिरोह।
(४) खनिज तेल और पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वालों का गिरोह।
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उपरोक्त के अलावा कुछ गुप्त आसुरी संगठन हैं जो पूरे विश्व की सत्ता को अपने हाथों में लेकर नियंत्रित करना चाहते हैं। वे आसुरी शक्तियों यानि शैतान के उपासक हैं। वे भी कुछ न कुछ षड़यंत्र रचते ही रहते हैं।
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इस विषय पर और कुछ भी लिखना नहीं चाहता। आप सब को नमन करते हुए धीरे धीरे सार्वजनिक जीवन से पीछे हट रहा हूँ। भावनात्मक रूप से मूर्ख नहीं बने रहना चाहता।
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यह संसार तमोगुण और रजोगुण से चल रहा है। सतोगुण तो सिर्फ एक संतुलन बनाने के लिए ही है। धार्मिक भावनाओं से दूसरों का शोषण भी तमोगुण और रजोगुण की विशेषता है। आजकल वह बहुत सामान्य है।
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जहां तक आध्यात्म की बात है, उसके लिए त्रिगुणातीत होने की साधना करनी पड़ती है। तभी कुछ समझ में आता है। बिना भक्ति और अभीप्सा के आध्यात्म में प्रवेश नहीं हो सकता। पिछले तीन हजार वर्षों से तो विश्व पर असुरों का ही राज्य चल रहा है, और निकट भविष्य में भी कोई आशा की किरण नहीं दिखाई दे रही है।
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सभी को मंगलमय शुभ कामनायें और नमन !! ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
१५ मार्च २०२३

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