Wednesday 6 May 2020

चीन के बारे में ..... मैं अपने अनुभव से कुछ कहना चाहता हूँ .....

चीन के बारे में ..... मैं अपने अनुभव से कुछ कहना चाहता हूँ|
मैंने वर्षों पहिले चार बार चीन की यात्रा की है| सन १९९० तक चीन भारत की तुलना में हर क्षेत्र में बहुत अधिक पिछड़ा हुआ देश था| सन १९८५ में मैं पहली बार चीन दो महीने के लिए गया था| उस समय वहाँ सड़कों पर निजी वाहन नहीं चलते थे| सार्वजनिक बसें बहुत कम चलती थीं| प्रायः सभी लोग बाइसिकल से ही आते जाते थे| मैं जहाँ गया था वहाँ से चीन की दीवार पास में ही थी जिसके आसपास किसी से साइकिल माँग कर साइकिल पर खूब घूमता भी था| सभी के कपड़े एक जैसे व एक ही डिजायन के हुआ करते थे| कपड़ों पर इस्तरी करना मना था| घरों में स्नानगृह नहीं होते थे| लोग सप्ताह में या महीने में एक दिन सार्वजनिक स्नान-गृह में जाकर स्नान करते थे| मेरे विचार से भारतीयों की तुलना में चीनी लोग बहुत अधिक डरपोक होते हैं| मुझे आश्चर्य होता था कि उन्होंने तिब्बत पर अधिकार कैसे कर लिया और भारत को १९६२ में लड़ाई में कैसे हरा दिया? (इस विषय पर पहिले एक लेख में कई बातें लिखी थीं, जो अब नहीं लिख रहा) काफी कुछ जानने को मिला वहाँ के बारे में|
फिर सन १९९९ व सन २००० में फिर चीन जाने का अवसर मिला तो सब कुछ बदला हुआ पाया| सड़कों पर से साइकिलें गायब हो गई थीं| लोग निजी मोटर वाहनों का उपयोग करने लगे थे| दो-चार सरकारी दुकानों की जगह बड़े बड़े बाज़ार बन चुके थे| बाज़ारों में माल तो घटिया और नकली था पर स्वतंत्र व्यवसाय आरंभ हो चुका था|
वहाँ का खानपान बहुत ही तामसी है जिसे कोई सामान्य भारतीय कभी नहीं खा सकता| खुद ही अपना भोजन बनाकर अपनी स्वयं की व्यवस्था करो| फल, मेवे और दूध तो आसानी से मिल जाते हैं जिस से शाकाहारी अपना पेट भर सकते हैं|
किसी भी भोजनालय में जाओ तो वहाँ हर टेबल पर एक बर्नर पर रखे बड़े बर्तन में जानवरों की हड्डियाँ उबलती रहती हैं| लोग उसी पानी को पीते हैं| भोजनालय के द्वार पर जीवित मछलियाँ, सांप, झींगे, केंकड़े आदि रखे जाते हैं| आपको कौन से सांप का सूप पीना है, कौन सी मछली का मांस खाना है, बता दीजिए| पक कर आ जाएगा| मक्खन भी पशुओं की चर्बी का बनाते हैं| वहाँ का मुख्य भोजन नूडल्स के साथ सूअर का मांस है| मेरे जैसे शाकाहारी का जीना तो वहाँ असंभव है|
चीन के उत्तरी भाग में लोग महीने में एक दिन, और दक्षिणी चीन में लोग सप्ताह में एक दिन स्नान करते है| घरों में स्नानघर नहीं होता| सार्वजनिक स्नानघर होते हैं| सार्वजनिक स्नानघर में दो हॉल होते हैं| निर्वस्त्र होकर एक में महिलायें और एक में पुरुष सामूहिक स्नान करते हैं|
होंगकोंग के चुंगकिंग टावर के आसपास तो कुछ नेपाली रैस्टौरेंट हैं जहाँ शाकाहारी भोजन मिल जाता है, पर चीन की मुख्य भूमि में और ताईवान में कहीं भी नहीं मिलता| होंगकोंग के चुंगकिंग टावर में भारतीयों ही भारतीयों की दुकानें हैं जहाँ के ग्राहक भारतीय, नेपाली, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी ही अधिक होते हैं| वहाँ के एक दुकानदार ने बताया कि वहाँ संघ की शाखा भी लगती है| संघ का अस्तित्व वहाँ 'हिन्दू स्वयं सेवक संघ' के नाम से है|
चीन में अच्छी बात एक ही लगी कि वहाँ के लोग खूब मेहनती हैं| जितने का खाते हैं उस से अधिक का काम करते हैं| रूस के साइबेरिया व सुदूर-पूर्व में श्रमिकों की बहुत कमी थी अतः रूस ने लाखों चीनियों को रूस की नागरिकता दे कर अपने यहाँ बसा दिया है| रूस को चीनी श्रमिक ही अच्छे लगे क्योंकि चीनी श्रमिक खाते कम हैं और काम अधिक करते हैं|
भारत में वामपंथी लोग चीन का जितना महिमा-मंडन करते हैं, उतना वहाँ कुछ भी नहीं है| भारतीय मापदण्डों से वहाँ के समाज में कोई नैतिकता नहीं है|
३१ मार्च २०२० 

No comments:

Post a Comment