Sunday 28 May 2017

अहंकार यानि ईश्वर से पृथकता मनुष्य की समस्त पीडाओं का एकमात्र कारण है ....

May 24, 2013

अहंकार यानि ईश्वर से पृथकता मनुष्य की समस्त पीडाओं का एकमात्र कारण है|

सब दू:खों, कष्टों और पीडाओं का स्थाई समाधान है --- शरणागति, यानि पूर्ण समर्पण|
प्रभु को इतना प्रेम करो, इतना प्रेम करो कि निरंतर उनका ही चिंतन रहे| फिर आपकी समस्त चिंताओं का भार वे स्वयं अपने ऊपर ले लेंगे|
 

जो भगवान का सदैव ध्यान करता है उसका काम स्वयं भगवान ही करते हैं|

संसार में सबसे बड़ी और सबसे अच्छी सेवा जो आप किसी के लिए कर सकते हो वह है -- परमात्मा की प्राप्ति|
तब आपका अस्तित्व ही दूसरों के लिए वरदान बन जाता है|

तब आप इस धरा को पवित्र करते हैं, पृथ्वी पर चलते फिरते भगवान बन जाते हैं, आपके पितृगण आनंदित होते हैं, देवता नृत्य करते हैं और यह पृथ्वी सनाथ हो जाती है|

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