Sunday, 28 May 2017

क्या करें और क्या न करें ? ......

क्या करें और क्या न करें ? ......
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आज के जीवन की भागदौड़ में, अनेक प्रकार के दबावों और आकर्षणों के मध्य, कोई भी सान्सारिक व्यक्ति विचलित हुए बिना नहीं रह सकता|
क्या करें और क्या न करें ? यह प्रश्न सदा विचलित करता रहता है|
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सर्वश्रेष्ठ समाधान है ..... हम परमात्मा को जीवन का केंद्रबिंदु और कर्ता बनाकर उसे स्वयं में प्रवाहित होने दें| जब तक कर्ताभाव है तब तक शास्त्रोक्त कर्म करें|
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एक गृहस्थ को जीवन में कम से कम इतना तो धन संचय करना चाहिए कि किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े| आज कि दुनिया में वह व्यक्ति भाग्यशाली है जिस पर कोई ऋण यानि उधार न हो, जिसे आजीविका के लिए परदेशों में भटकना ना पड़ता हो, और जिसे घर में प्रेम से बनाया हुआ भोजन मिलता हो|
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जीवन में जो भी सर्वश्रेष्ठ है अपने ह्रदय से पूछकर वो ही कार्य करें|


ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ नमः शिवाय | ॐ ॐ ॐ ||
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कृपा शंकर
२६ मई २०१६

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