Sunday, 28 May 2017

गायत्री मन्त्र की अनिवार्यता ....

गायत्री मन्त्र की अनिवार्यता ....
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जिन का भी यज्ञोपवीत संस्कार हुआ है उन्हें तो हर परिस्थिती में गायत्री मन्त्र का नियमित जाप करना अनिवार्य है| इसके बिना वह व्यक्ति द्विजत्व से च्युत हो जाता है, उसकी अन्य कोई भी साधना सफल नहीं होती|

कुछ आचार्यों के अनुसार गायत्री मन्त्र की कम से कम दस माला तो नित्य जपनी ही चाहिए| एक माला तो कम से कम किसी भी परिस्थिति में अनिवार्य है|

योग मार्ग के साधक सप्त व्याहृतियों के साथ षटचक्रों में एक गुरु प्रदत्त गुप्त विधि से गायत्री मन्त्र का जप करते हैं जो बड़ी प्रभावी है|

कुछ आचार्यों के अनुसार जिन पुरुषों का यज्ञोपवीत संस्कार हो चुका है उनकी पत्नियाँ भी गायत्री मन्त्र के जाप की अधिकारिणी हैं|

इस विषय पर किसी भी विवाद में न पड़कर अपनी अपनी गुरु परम्परानुसार गायत्री की उपासना करनी चाहिए|

कोई संदेह हो तो किसी ब्रह्मनिष्ठ श्रौत्रीय आचार्य से मार्गदर्शन लें| पर साधना करें अवश्य| ॐ ॐ ॐ ||

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