सनातन हिन्दू धर्म की विशेषता ----
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इस विषय पर अनेक पुस्तकें लिखी जा चुकी है| पर मैं यहाँ दो पंक्तियों में ही सनातन हिन्दू धर्म की विशेषता बता रहा हूँ|
परमात्मा से अहैतुकी परम प्रेम, परमात्मा को पाने की अभीप्सा और तड़प, परमात्मा के प्रति पूर्ण समर्पण व त्याग, सर्वस्व के कल्याण की कामना व प्रार्थना, गुरु-शिष्य परम्परा, स्वरुची अनुसार परमात्मा के विभिन्न रूपों की उपासना , उदारता और सहनशीलता -------------- ये सब सनातन हिन्दू धर्म में ही है, अन्यत्र कहीं भी नहीं|
भारत हिन्दू राष्ट्र है और रहेगा| अन्धकार और असत्य अनेक बार फैला है पर सदा उसका अंत ही हुआ है| सनातन हिन्दू धर्म का सूर्य विश्व के समस्त अन्धकार और अज्ञानता को दूर करेगा|
वह देश जहाँ महाराजा पृथु जैसे सम्राट हुए जिन्होंने पूरी पृथ्वी पर राज्य किया, जिनके कारण इस ग्रह का नाम ही पृथ्वी पड़ा; जिस देश में भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण जैसे अवतार हुए, जहाँ याज्ञवल्क्य, अगस्त्य, वशिष्ठ और विश्वामित्र जैसे अनगिनत ऋषि हुए, दिलीप जैसे गौ रक्षक महाराजा, महाराज शिवी जैसे न्यायी राजा, भगवन सनत्कुमार जैसे ब्रह्मज्ञ, नारद, ध्रुव, प्रहलाद और हनुमानजी जैसे भक्त हुए, जहाँ वेद, वेदांगों, पुराणों, षड्दर्शनों, रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथों की रचनाएँ हुईं, जहाँ भीष्म जैसे दृढ़व्रती महारथी और अर्जुन जैसे अनगिनत वीरों ने जन्म लिया, वह भूमि सदा सदा के लिए असत्य के अन्धकार में नहीं रह सकती|
एक प्रचंड आध्यात्मिक शक्ति का उदय हो रहा है जो पुनश्चः एक विराट ब्रह्मतेज और क्षात्रत्व
को जन्म देगी| भारत माँ अपने परम वैभव के साथ पुनश्च अखण्डता के सिंहासन पर आसीन होंगी|
घर घर में वेदों के स्वर गूंजेंगे, यहाँ जन्म लेने वाली प्रत्येक आत्मा महान होगी| ईश्वर की अब यही इच्छा है अतः इसे अब कोई नहीं रोक सकता| यह अन्धकार अधिक समय तक नहीं रहेगा| आप चाहो या ना चाहो इस सत्य के आप साक्षी ही नहीं भागीदार भी बनोगे|
जय जननी, जय भारत, जय सनातन हिन्दू धर्म !!! ॐ तत्सत्|
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इस विषय पर अनेक पुस्तकें लिखी जा चुकी है| पर मैं यहाँ दो पंक्तियों में ही सनातन हिन्दू धर्म की विशेषता बता रहा हूँ|
परमात्मा से अहैतुकी परम प्रेम, परमात्मा को पाने की अभीप्सा और तड़प, परमात्मा के प्रति पूर्ण समर्पण व त्याग, सर्वस्व के कल्याण की कामना व प्रार्थना, गुरु-शिष्य परम्परा, स्वरुची अनुसार परमात्मा के विभिन्न रूपों की उपासना , उदारता और सहनशीलता -------------- ये सब सनातन हिन्दू धर्म में ही है, अन्यत्र कहीं भी नहीं|
भारत हिन्दू राष्ट्र है और रहेगा| अन्धकार और असत्य अनेक बार फैला है पर सदा उसका अंत ही हुआ है| सनातन हिन्दू धर्म का सूर्य विश्व के समस्त अन्धकार और अज्ञानता को दूर करेगा|
वह देश जहाँ महाराजा पृथु जैसे सम्राट हुए जिन्होंने पूरी पृथ्वी पर राज्य किया, जिनके कारण इस ग्रह का नाम ही पृथ्वी पड़ा; जिस देश में भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण जैसे अवतार हुए, जहाँ याज्ञवल्क्य, अगस्त्य, वशिष्ठ और विश्वामित्र जैसे अनगिनत ऋषि हुए, दिलीप जैसे गौ रक्षक महाराजा, महाराज शिवी जैसे न्यायी राजा, भगवन सनत्कुमार जैसे ब्रह्मज्ञ, नारद, ध्रुव, प्रहलाद और हनुमानजी जैसे भक्त हुए, जहाँ वेद, वेदांगों, पुराणों, षड्दर्शनों, रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथों की रचनाएँ हुईं, जहाँ भीष्म जैसे दृढ़व्रती महारथी और अर्जुन जैसे अनगिनत वीरों ने जन्म लिया, वह भूमि सदा सदा के लिए असत्य के अन्धकार में नहीं रह सकती|
एक प्रचंड आध्यात्मिक शक्ति का उदय हो रहा है जो पुनश्चः एक विराट ब्रह्मतेज और क्षात्रत्व
को जन्म देगी| भारत माँ अपने परम वैभव के साथ पुनश्च अखण्डता के सिंहासन पर आसीन होंगी|
घर घर में वेदों के स्वर गूंजेंगे, यहाँ जन्म लेने वाली प्रत्येक आत्मा महान होगी| ईश्वर की अब यही इच्छा है अतः इसे अब कोई नहीं रोक सकता| यह अन्धकार अधिक समय तक नहीं रहेगा| आप चाहो या ना चाहो इस सत्य के आप साक्षी ही नहीं भागीदार भी बनोगे|
जय जननी, जय भारत, जय सनातन हिन्दू धर्म !!! ॐ तत्सत्|
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