(1) नरकासुर-चतुर्दशी की शुभ कामनाएँ ......
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरकासुर चतुर्दशी कहते हैं| प्रागज्योतिषपुर नगर का राजा नरकासुर नाम का एक अति दुर्दांत अत्याचारी दैत्य था| वह संतों को त्रास देने लगा और महिलाओं पर अत्याचार करने लगा| उसने सौलह हजार एक सौ स्त्रियों को बन्दी बना लिया| जब उसका अत्याचार बहुत अधिक बढ़ गया तब देवता व ऋषि-मुनि भगवान श्रीकृष्ण की शरण में गए| भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें नरकासुर से मुक्ति दिलाने का आश्वसान दिया|
नरकासुर को स्त्री के हाथों ही पराजित होना लिखा था| अतः भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को अपना सारथी बनाया और युद्ध के लिए प्रस्थान किया|
नरकासुर के साथ हुए युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण कछ क्षणों के लिए अपनी माया से मूर्छित हुए तो सत्यभामा ने नरकासुर के साथ युद्ध किया और अपने अस्त्रों के प्रहार से उसे पराजित कर दिया| भगवान श्रीकृष्ण ने तब उसका वध कर के सौलह हज़ार एक सौ स्त्रियों को उसकी क़ैद से मुक्त किया, और प्रजा को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई|
उस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी| प्रजा ने अपने घरों में दीपक जलाए| अतः इसे छोटी दीपावली भी कहते हैं|
.
(2) रूप चतुर्दशी की शुभ कामनाएँ .....
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी भी कहते हैं| इस दिन सौन्दर्य रूप भगवान श्रीकृष्ण की पूजा होती है, और व्रत भी रखा जाता है|
प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व दीपक जलाकर, उबटन आदि लगाकर स्नान किया जाता है| इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना अनिवार्य है| इससे देह और चैतन्य में सौंदर्य आता है|
.
(3) हनुमत्जयन्ती की शुभ कामनाएँ .....
विभिन्न मतों के अनुसार देश में हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है| पहली चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को व दूसरी कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को| बाल्मीकि रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हुआ है| इस दिन हनुमान जी के भक्त हनुमान जी का षोडशोपचार पूजन करते हैं|
.
पुनश्चः आप सब को शुभ कामनाएँ और अभिनन्दन |
ॐ नमःशिवाय ! ॐ ॐ ॐ !!
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरकासुर चतुर्दशी कहते हैं| प्रागज्योतिषपुर नगर का राजा नरकासुर नाम का एक अति दुर्दांत अत्याचारी दैत्य था| वह संतों को त्रास देने लगा और महिलाओं पर अत्याचार करने लगा| उसने सौलह हजार एक सौ स्त्रियों को बन्दी बना लिया| जब उसका अत्याचार बहुत अधिक बढ़ गया तब देवता व ऋषि-मुनि भगवान श्रीकृष्ण की शरण में गए| भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें नरकासुर से मुक्ति दिलाने का आश्वसान दिया|
नरकासुर को स्त्री के हाथों ही पराजित होना लिखा था| अतः भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को अपना सारथी बनाया और युद्ध के लिए प्रस्थान किया|
नरकासुर के साथ हुए युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण कछ क्षणों के लिए अपनी माया से मूर्छित हुए तो सत्यभामा ने नरकासुर के साथ युद्ध किया और अपने अस्त्रों के प्रहार से उसे पराजित कर दिया| भगवान श्रीकृष्ण ने तब उसका वध कर के सौलह हज़ार एक सौ स्त्रियों को उसकी क़ैद से मुक्त किया, और प्रजा को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई|
उस दिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी| प्रजा ने अपने घरों में दीपक जलाए| अतः इसे छोटी दीपावली भी कहते हैं|
.
(2) रूप चतुर्दशी की शुभ कामनाएँ .....
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी भी कहते हैं| इस दिन सौन्दर्य रूप भगवान श्रीकृष्ण की पूजा होती है, और व्रत भी रखा जाता है|
प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व दीपक जलाकर, उबटन आदि लगाकर स्नान किया जाता है| इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान करना अनिवार्य है| इससे देह और चैतन्य में सौंदर्य आता है|
.
(3) हनुमत्जयन्ती की शुभ कामनाएँ .....
विभिन्न मतों के अनुसार देश में हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है| पहली चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को व दूसरी कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को| बाल्मीकि रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हुआ है| इस दिन हनुमान जी के भक्त हनुमान जी का षोडशोपचार पूजन करते हैं|
.
पुनश्चः आप सब को शुभ कामनाएँ और अभिनन्दन |
ॐ नमःशिवाय ! ॐ ॐ ॐ !!
No comments:
Post a Comment