देशी नस्ल की गायों की ह्त्या और संतों पर हो रहे प्रहार समाज पर भारी
पड़ेंगे| अब प्रकृति इन्हें और सहन नहीं करेगी| इनका परिणाम महाविनाश होगा|
भू और खनन माफियाओं ने लगभग सारी गोचर भूमियों का अतिक्रमण कर लिया है| गायों के चरने के स्थान नहीं बचे हैं| बछड़ों के लिए कोई अभयारण्य नहीं हैं| उन्हें जन्मने के कुछ माह पश्चात आवारा फिरने के लिए छोड़ दिया जाता है| गौ वंश की तस्करी हो रही है| कुछ समय पश्चात दूध भी विदेशों से आयात करना पड़ेगा|
एक संत किसी से कोई अपेक्षा रखे बिना, सिर्फ परमात्मा पर आश्रित हो अपनी समष्टि साधना करता है| माफिया लोगों ने संतों को भी सताना शुरू कर दिया है| इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे| यह समाज पर भारी पडेगा|
भू और खनन माफियाओं ने लगभग सारी गोचर भूमियों का अतिक्रमण कर लिया है| गायों के चरने के स्थान नहीं बचे हैं| बछड़ों के लिए कोई अभयारण्य नहीं हैं| उन्हें जन्मने के कुछ माह पश्चात आवारा फिरने के लिए छोड़ दिया जाता है| गौ वंश की तस्करी हो रही है| कुछ समय पश्चात दूध भी विदेशों से आयात करना पड़ेगा|
एक संत किसी से कोई अपेक्षा रखे बिना, सिर्फ परमात्मा पर आश्रित हो अपनी समष्टि साधना करता है| माफिया लोगों ने संतों को भी सताना शुरू कर दिया है| इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे| यह समाज पर भारी पडेगा|
हमें सब से पहिले 'धर्म' चाहिए, बाद में अन्य सब| हमारा जीवन, परिवार, समाज और राष्ट्र ----- धर्म-आधारित हो| हमारे सनातन हिन्दू धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा हो और हमारा राष्ट्र हिन्दू राष्ट्र हो|
ReplyDeleteभारत माँ अपने द्विगुणित परम वैभव के साथ अखण्डता के सिंहासन पर बैठे| पहले धर्म, बाद में अन्य कुछ| विकास भी बाद में पहले धर्म|
अन्धकार और असत्य की शक्तियों का नाश हो| ईश्वर की परम ज्योति से हम आलोकित हों, कहीं भी अंधकार न रहे| जब धर्म होगा तो सारी अच्छाइयाँ हमारा अनुसरण करेंगी|
सत्य सनातन हिन्दू धर्म की जय, भारत माता की जय, वन्दे मातरम् !