आजकल वैवाहिक संबंधों में अत्यधिक बिखराव हो रहा है| इसका कारण अत्यधिक
अपेक्षा और महत्वाकांक्षा का होना, व सहनशीलता, त्याग और संतोष का अभाव है|
एक बात याद रखें कि जो भी विवाह चहरे के कोण, त्वचा के रंग, व वर/वधु के पिता की धन-संपत्ति को देख कर किया जाता है, उसका विफल होना सुनिश्चित है|
पत्नी और भार्या में दिन-रात का अंतर है| जिसके मात्र भरण-पोषण का दायित्व लिया जाता है वह भार्या है| पत्नी यज्ञ के लिए है, जो इस जीवन यज्ञ की ब्रह्माग्नि में अपने साथ साथ आहुति दे वह पत्नी है|
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
एक बात याद रखें कि जो भी विवाह चहरे के कोण, त्वचा के रंग, व वर/वधु के पिता की धन-संपत्ति को देख कर किया जाता है, उसका विफल होना सुनिश्चित है|
पत्नी और भार्या में दिन-रात का अंतर है| जिसके मात्र भरण-पोषण का दायित्व लिया जाता है वह भार्या है| पत्नी यज्ञ के लिए है, जो इस जीवन यज्ञ की ब्रह्माग्नि में अपने साथ साथ आहुति दे वह पत्नी है|
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
No comments:
Post a Comment