जीवन में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है कि हम परमात्मा की दृष्टी में क्या हैं|
कौन क्या सोचता है, क्या कहता है और क्या नहीं कहता इसका कोई महत्व नहीं है| सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धी है परमात्मा से अहैतुकी परम प्रेम|
हम शाश्वत आनंद चाहते हैं| पर सच्चा आनंद तभी प्राप्त होता है जब हम उपासना द्वारा अपने सच्चिदानंद रूप में स्थित हों| सच्चिदानंद ही परम ब्रह्म है|
निरंतर हर समय परमात्मा का स्मरण करें| रात्रि को सोने से पहिले, प्रातःकाल उठते ही और जब भी समय मिले भगवन का स्मरण करें| इसमें कोई देश-काल का बंधन नहीं है| जैसा हम सोचते हैं वैसा ही हो जाते हैं|
आप सब निजात्माओं को नमन |
ॐ तत्सत् | ॐ नमः शिवाय| ॐ ॐ ॐ
कौन क्या सोचता है, क्या कहता है और क्या नहीं कहता इसका कोई महत्व नहीं है| सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धी है परमात्मा से अहैतुकी परम प्रेम|
हम शाश्वत आनंद चाहते हैं| पर सच्चा आनंद तभी प्राप्त होता है जब हम उपासना द्वारा अपने सच्चिदानंद रूप में स्थित हों| सच्चिदानंद ही परम ब्रह्म है|
निरंतर हर समय परमात्मा का स्मरण करें| रात्रि को सोने से पहिले, प्रातःकाल उठते ही और जब भी समय मिले भगवन का स्मरण करें| इसमें कोई देश-काल का बंधन नहीं है| जैसा हम सोचते हैं वैसा ही हो जाते हैं|
आप सब निजात्माओं को नमन |
ॐ तत्सत् | ॐ नमः शिवाय| ॐ ॐ ॐ
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