Saturday 15 October 2016

जीवन में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है कि हम परमात्मा की दृष्टी में क्या हैं .....

जीवन में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है कि हम परमात्मा की दृष्टी में क्या हैं|
कौन क्या सोचता है, क्या कहता है और क्या नहीं कहता इसका कोई महत्व नहीं है| सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धी है परमात्मा से अहैतुकी परम प्रेम|

हम शाश्वत आनंद चाहते हैं| पर सच्चा आनंद तभी प्राप्त होता है जब हम उपासना द्वारा अपने सच्चिदानंद रूप में स्थित हों| सच्चिदानंद ही परम ब्रह्म है|

निरंतर हर समय परमात्मा का स्मरण करें| रात्रि को सोने से पहिले, प्रातःकाल उठते ही और जब भी समय मिले भगवन का स्मरण करें| इसमें कोई देश-काल का बंधन नहीं है| जैसा हम सोचते हैं वैसा ही हो जाते हैं|

आप सब निजात्माओं को नमन |
ॐ तत्सत् | ॐ नमः शिवाय| ॐ ॐ ॐ

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