Saturday 15 October 2016

हमारे विचार सदा शुभ और संकल्प सदा शिव-संकल्प हों .....

जितना पतन हो गया उतना हो गया, आगे हज़ारों वर्षों तक उत्थान ही उत्थान है|
हम सब के संकल्प में बड़ी शक्ति है| नित्य दिन में कम से कम दो बार एक निश्चित समय पर और निश्चित स्थान पर खड़े होकर अपने दोनों हाथ ऊपर कर के समष्टि के कल्याण, विश्व शांति, भाईचारे और धर्म की पुनर्स्थापना के लिए प्रार्थना करें|
.
हम सब के सामूहिक संकल्प और प्रार्थना का अति शक्तिशाली प्रभाव होगा| जब हम उपरोक्त विधि से प्रार्थना करते हैं तब हमारी अँगुलियों के अग्रभाग से एक अदृष्य प्रचंड घनीभूत ऊर्जा निकलती है जो चारों ओर फैलकर साकार रूप लेती है| सृष्टि में हो रहे समस्त घटनाक्रम हमारे सामूहिक विचारों के ही परिणाम है| जैसा हम सोचते हैं और संकल्प करते हैं वैसा ही चारों ओर घटित होता है| जैसी दृष्टी वैसी सृष्टि|
.
जीवन में वर्तमान में जियें और अपना सर्वश्रेष्ठ करें, जो होगा वह अच्छा ही होगा| अपने विचारों पर दृष्टी रखें, उन्हें नियंत्रित करें| हमारे विचार सदा शुभ और संकल्प सदा शिव-संकल्प हों|
.
ॐ शिव ! ॐ ॐ ॐ ||

No comments:

Post a Comment