मनुष्य की शाश्वत यात्रा कई जन्मों से चल रही है| कुछ लोग मुझसे इसका
प्रमाण माँगते हैं| जो मेरा अनुभूत सत्य है उस पर मुझे कोई प्रमाण देने की
आवश्यकता नहीं है| न ही मैं ऐसे लोगों को समय दे सकता हूँ|
जीवन की प्रकृति का एकमात्र उद्देश्य है .....परमात्मा की प्राप्ति| इस विषय पर कोई वाद-विवाद और कुतर्क स्वीकार्य नहीं है| परमात्मा की प्राप्ति प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता के भीतर है|
आत्मा अमर है, इसकी विस्मृति ही जीव का पतन है| यह अज्ञानता ही मनुष्य के सब दुखों और कष्टों का कारण है| यदि कोई यह नहीं जानता कि उसे क्या करना चाहिए तो उसे कुछ भी नहीं करना चाहिए| पात्रता होने पर उसे भी मार्गदर्शन मिलेगा|
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
जीवन की प्रकृति का एकमात्र उद्देश्य है .....परमात्मा की प्राप्ति| इस विषय पर कोई वाद-विवाद और कुतर्क स्वीकार्य नहीं है| परमात्मा की प्राप्ति प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता के भीतर है|
आत्मा अमर है, इसकी विस्मृति ही जीव का पतन है| यह अज्ञानता ही मनुष्य के सब दुखों और कष्टों का कारण है| यदि कोई यह नहीं जानता कि उसे क्या करना चाहिए तो उसे कुछ भी नहीं करना चाहिए| पात्रता होने पर उसे भी मार्गदर्शन मिलेगा|
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
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