(प्रश्न) : मन में आ रहे फालतू और भटकाने वाले विचारों से ध्यान हटा कर भगवान में मन कैसे लगाएँ?
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(उत्तर) : अपने चारों ओर की परिस्थितियों और वातावरण को हमें तुरंत बदलना पड़ेगा, अन्य कोई उपाय नहीं है। जो हम बनना चाहते हैं, उसी के अनुकूल परिस्थितियों और वातावरण का हमें निर्माण करना होगा, या वैसे ही वातावरण में जाकर रहना होगा। अच्छा साहित्य पढ़ें, अच्छे लोगों के साथ रहें, सात्विक भोजन लें और भोजन की मात्रा को कम करें।
नित्य नियमित ध्यान करें, और गीता का स्वाध्याय करें। श्रीमद्भगवद्गीता के अक्षरब्रह्मयोग (अध्याय ८) के स्वाध्याय और अभ्यास से बहुत लाभ होगा। बृहदारण्यकोपनिषद में याज्ञवल्क्य ऋषि ने गार्गी को भी इसका उपदेश दिया है।
ॐ तत्सत् !! ॐ स्वस्ति !!
कृपा शंकर
२५ दिसंबर २०२३
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