Monday 24 January 2022

दूसरों के सिर काट कर, या पंजों के बल चलकर, कोई बड़ा नहीं बन सकता ---

 दूसरों के सिर काट कर, या पंजों के बल चलकर, कोई बड़ा नहीं बन सकता। भौतिक, मानसिक, बौद्धिक, चारित्रिक और आध्यात्मिक -- हर दृष्टी से हमें स्वयं को बलशाली बनना होगा। पर्वत-शिखर से यदि तालाब में जल आता है तो दोष पर्वत-शिखर का नहीं है। हमें स्वयं को पर्वत शिखर बनना होगा।

.
हमारे परम आदर्श धनुर्धारी भगवान श्रीराम हैं, जिन्होंने आतताइयों का संहार करने के लिए अस्त्र धारण कर रखे हैं। निज जीवन में भगवान को व्यक्त करें, अपने स्वधर्म का पालन करें, और अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। हमारी हर कमी दूर हो जाएगी।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
१८ जनवरी २०२२

No comments:

Post a Comment