जिनको मेरे विचार पसंद नहीं हैं, वे मुझे unfriend और block कर दें। मेरे लेख पढ़ कर अपना समय नष्ट न करें। मुझे मेसेन्जर पर वीडियो और अनावश्यक लेख और अभिवादन न भेजें। मैं उन्हें कभी नहीं देखता।
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मुझे सुधारने की कौशिस न करें। भारत के अनेक बड़े अच्छे-अच्छे विचारकों और ज्ञानियों से मेरा खूब सत्संग हुआ है। विदेशों में कई बड़े-बड़े यूरोपीय व अमेरिकी पादरियों से मेरी खूब मगजमारी भी हुई है। काली कंबल पर कोई दूसरा रंग नहीं चढ़ सकता। अतः किसी की भी मुझे तथाकथित रूप से सुधारने की कौशिस कभी सफल नहीं हो सकती। किसी को कोई शिकायत है तो मुझसे स्पष्ट कहे।
कृपा शंकर
१४ जनवरी २०२२
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