Monday 3 January 2022

काम की बात एक ही है >>>

 

आज २५दिसंबर के दिन की बहुत सारी स्मृतियाँ मेरे मानस पटल पर हैं। और भी अनेक बहुत सारी बातें हैं, लेकिन काम की बात एक ही है >>>
रात्री को सोने से पूर्व बिस्तर पर ही सीधे बैठकर कम से कम आधे या एक घंटे तक परमात्मा का ध्यान या जप करें, और निश्चिन्त होकर जगन्माता की गोद में ऐसे सो जाएँ जैसे एक छोटा बालक अपनी माँ की गोद में सोता है। प्रातःकाल उठते ही थोड़ा जल पीएँ और लघुशंकादि से निवृत होकर फिर आधे या एक घंटे तक जैसा ऊपर बताया है वैसे ही परमात्मा का ध्यान या जप करें। पूरे दिन परमात्मा की स्मृति अपने चित्त में बनाए रखें। यदि भूल जाएँ तो याद आते ही फिर उस स्मृति को अपनी चेतना में स्थापित करें। एक बात याद रखें कि हम जो कुछ भी कर रहे हैं वह परमात्मा की प्रसन्नता के लिए ही कर रहे हैं। ऐसा कोई काम न करें जो भगवान को प्रिय न हो। धीरे धीरे भगवान स्वयं ही हमारे माध्यम से कार्य करना आरम्भ कर देंगे। यह बात मैं समय समय पर लिखता रहता हूँ, और लिखता ही रहूँगा। कोई करे या न करे यह उसकी समस्या है।
कृपा शंकर
२५ दिसंबर २०२१
पुनश्च:
इस राष्ट्र में हम सब की साधना से एक ब्रह्मतेज जागृत हो।
हमें सब दैवीय शक्तियाँ, सिद्धियाँ, देवत्व, व दिव्यास्त्र चाहिएँ, -- अपने अहम् के लिए नहीं, बल्कि भारत और धर्म की रक्षा के लिए।
सज्जनों की व धर्म की रक्षा हो, और दुर्जनों व अधर्म का नाश हो। ॐ ॐ ॐ !!

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