ईसाई मज़हब एक चर्चवाद है, जिसका जीसस क्राइस्ट से कोई संबंध नहीं है ---
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हे ईसाई मज़हब के प्रचारको, तुम लोग पूरे विश्व में एक असत्य का अंधकार फैला रहे हो। तुम लोग चाहो तो अपने मत में आस्था रखो, पर हमारे गरीब और लाचार हिंदुओं का धर्मांतरण मत करो। हमारे सनातन धर्म की निंदा और हम पर झूठे दोषारोपण मत करो। तुम लोगों ने भारत में सबसे अधिक अत्याचार और नरसंहार किए हैं। भारत का सबसे अधिक अहित तुम लोगों ने किया है। ईश्वर को प्राप्त करना हम सब का जन्मसिद्ध अधिकार है। सभी प्राणी ईश्वर की संतान हैं। जन्म से कोई भी पापी नहीं है। सभी अमृतपुत्र हैं परमात्मा के। मनुष्य को पापी कहना सबसे बड़ा पाप है। अपने पूर्ण ह्रदय से परमात्मा को प्यार करो। यह झूठ है कि जीसस क्राइस्ट में आस्था वालों को ही मुक्ति मिलेगी और अन्य सब नर्क की अग्नि में अनंत काल तक तड़पाये जाएँगे। तुम्हारा तथाकथित परमेश्वर झूठा और दूसरों को दुःखदायी है।
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हे हिन्दुओ, यह सांता क्लॉज़ नाम का फर्जी बूढ़ा जिसका जिक्र बाइबिल में कहीं भी नहीं है, भारत में कभी भी घुस नहीं सकता। वह अपनी स्लेज गाड़ी पर आता है जिसे रेनडियर खींचते हैं। भारत में इतनी बर्फ ही नहीं पड़ती जहाँ स्लेज गाड़ी चल सके। भारत में रेनडियर भी नहीं होते। अतः अपने बच्चों को सांता क्लॉज न बनाएँ। यदि उनके स्कूल वाले बनाते हैं तो सख्ती से उन्हें मना कर दें।
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यह जीसस क्राइस्ट का सबसे बड़ा उपदेश है जिसकी उपेक्षा कर ईसाईयों ने सिर्फ मारकाट और नर संहार ही किये हैं ....
Sermon on the Mount ..... He said ..... "But seek ye first the kingdom of God and His righteousness, and all these things shall be added unto you." Matthew 6:33 KJV.
अर्थात् .... पहिले परमात्मा के राज्य को ढूंढो, फिर अन्य सब कुछ तुम्हें स्वतः ही प्राप्त हो जाएगा.
ईसाईयत में कर्मफलों का सिद्धांत .....
"He that leadeth into captivity shall go into captivity: he that killeth with the sword must be killed with the sword.
Revelation 13:10 KJV."
उपरोक्त उद्धरण प्राचीन लैटिन बाइबल की Revelation नामक पुस्तक के किंग जेम्स वर्ज़न से लिया गया है| एक धर्मगुरु अपने एक नौकर के कान अपनी तलवार से काट देता है जिस पर जीसस क्राइस्ट ने उसे तलवार लौटाने को कहा और उपरोक्त बात कही|
(विडम्बना है कि उसी जीसस क्राइस्ट के अनुयायियों ने पूरे विश्व में सबसे अधिक अत्याचार और नर-संहार किये).
All who will take up the sword will die by the sword.
Live by the sword, die by the sword.
जो दूसरों को तलवार से काटते हैं वे स्वयं भी तलवार से ही काटे जाते हैं ....
प्रकृति किसी को क्षमा नहीं करती| कर्मों का फल मिले बिना नहीं रहता।
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अपने कर्मों का फल सब को अवश्य मिलेगा। कोई इस से बच नहीं सकता। विश्व में अनेक अति गुप्त ईसाई संस्थाएँ हैं जो घोर कुटिलता और हिंसा से अभी भी पूरे विश्व पर अपना साम्राज्य स्थापित करना चाहती हैं| ऐसी संस्थाओं से हमें अति सचेत रहना है| भारत की रक्षा तो भगवान ने ही की है, अन्यथा भारत तो उनके द्वारा अब तक नष्ट हो चुका होता।
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पुनश्च : -- मेरे कई ईसाई मित्र थे (रोमन कैथोलिक भी और प्रोटोस्टेंट भी) जिनके साथ मैं कई बार उनके चर्चों में गया हूँ और वहाँ की प्रार्थना सभाओं में भी भाग लिया है| दो बार इटली में वेनिस और कुछ अन्य नगरों में भी गया हूँ जहाँ खूब बड़े बड़े चर्च हैं जिनमें उपस्थिति नगण्य ही रहती है| यूरोप व अमेरिका के कई ईसाई पादरियों से भी मेरी मित्रता रही है| कुल मिलाकर मेरा अनुभवजन्य मत यही है कि जो जिज्ञासु ईसाई हैं उनको अपनी जिज्ञासाओं का समाधान सनातन हिन्दू धर्म में ही मिलता है, और इस बात की पूरी संभावना है कि विश्व के सारे समझदार ईसाई एक न एक दिन हिन्दू धर्म को ही अपना लेंगे|
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