Thursday, 26 January 2017

गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाएँ .....

गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाएँ .....
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जिस देश में गंगा, गोमति, गोदावरी, सिन्धु, सरस्वती, सतलज, यमुना, नर्मदा, कावेरी, कृष्णा व ब्रह्मपुत्र जैसी पवित्र नदियाँ बहती हैं; जहाँ हिमालय जैसे अति विस्तृत और उत्तुंग पर्वत शिखर और अनेक पावन पर्वतमालाएँ; सप्त पुरियाँ, द्वादश ज्योतिर्लिंग, बावन शक्तिपीठ; अनगिनत पवित्र तीर्थ, वन, गुफाएँ, वैदिक संस्कृति, सनातन धर्म की परम्परा, अनेक ऊर्ध्वगामी मत-मतान्तर, तपस्वी संत-महात्मा व ऐसे अनगिनत लोग भी हैं जो दिन-रात निरंतर परमात्मा का चिन्तन करते हैं और परमात्मा का ही स्वप्न देखते हैं| हम सब धन्य हैं जिन्होनें इस पावन भूमि में जन्म लिया है|
मैं उन सब का सेवक हूँ जिन के ह्रदय में परमात्मा को पाने की एक प्रचंड अभीप्सा और अग्नि जल रही है, जो निरंतर प्रभु प्रेम में मग्न हैं| उन के श्रीचरणों की धूल मेरे माथे की शोभा है|
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हर चौबीस हज़ार वर्षों के कालखंड में चौबीस सौ वर्षों का एक ऐसा समय आता है जब इस भूमि पर अन्धकार व असत्य की शक्तियाँ हावी होने लगती हैं| वह समय अब व्यतीत हो चुका है| ऐसी शक्तियाँ अब पराभूत हो रही हैं| आने वाला समय सतत प्रगति का है| कोई चाहे या न चाहे अब हमारी चेतना को ऊर्ध्वगामी होने से कोई नहीं रोक सकता| भारतवर्ष निश्चित रूप से एक आध्यात्मिक राष्ट्र होगा और अपने परम वैभव को प्राप्त करेगा, अतः चिंता की कोई बात नहीं है| अपना दृष्टिकोण बदल कर अपना अहैतुकी परम प्रेम परमात्मा को दें| अपने जीवन का केंद्रबिंदु परमात्मा को बनायें| जीवन में अपना सर्वश्रेष्ठ करते रहें| सब अच्छा ही अच्छा होगा|
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गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाएँ | ॐ ॐ ॐ ||

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