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वामपंथी सेकुलर नास्तिक महिलाओं का आन्दोलन ......
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महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर के मामले में जो नास्तिक वामपंथी ध्रर्म-निरपेक्ष सेकुलर औरतें आंदोलनरत हैं और सैंकड़ों महिलाओं को एकत्र करके बसों में भरकर ला रही हैं, मुझे नहीं लगता कि वे किसी मंदिर में श्रद्धा के साथ कभी गयी होंगी| एक हेलिकोप्टर भी किराए पर लेकर वहां के चबूतरे पर उतरने की धमकी दे रही हैं|
उस मंदिर की परंपरा है कि वहाँ पिछले चारसौ वर्षों से किसी स्त्री को प्रवेश की अनुमति नहीं है|
इस बारे में मैं अपने विचार व्यक्त करना चाहता हूँ|
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जहाँ तक मेरी जानकारी है ग्रहों के पूजन की शास्त्रोक्त परम्परा सनातन धर्म में नहीं है| ग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा भी नहीं की जाती| उनका आवाहन करते ही उन्हें आहुति देनी पडती है| उनका स्मरण करते ही उनका प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है जो गलत है| उनकी जगह उनका प्रभाव दूर करने के लिए शिव का स्मरण निरंतर करना चाहिए|
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टीवी पर अनेक सड़क छाप ज्योतिषी शनि महिमा का बखान करते हैं| फेसबुक पर भी अनेक लोग शनि की महिमा के पोस्ट डालते हैं| शनि के सम्मुख तो परम विद्वान् रावण भी नहीं जाना चाहता था| जो भी ज्योतिषी आपको शनि मंदिर में जाने को कहे वह गलत है| शनि की पीड़ा के निवारण के लिए हनुमान जी की साधना की जाती है, शनि मंदिर में नहीं जाया जाता|
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जो लोग शनि की पूजा करते हैं वे कोई धार्मिक या आध्यात्मिक लोग नहीं हैं, माँगना ही उनका मुख्य पेशा है| महाराष्ट्र में जहाँ शिंगणापुर में यह शनि मंदिर है वहाँ इतनी गरीबी है की लोगों को अपने घरों में ताले लगाने की आवश्यकता नहीं पडती| चोरी होने लायक वहां के लोगों के पास कुछ है ही नहीं|
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अतः जो औरतें वहाँ जाना चाहती हैं उन्हें जाने देना चाहिए बशर्ते की वे वहां जाकर शनि की पूजा करें, कोई तमाशा न करें|
उन पर शनि की दशा लगना भी निश्चित है और उनका विनाश भी निश्चित है| अतः उन्हें शनि की कुदृष्टि लगे इसलिए उन्हें जाकर वहां पूजा करने दी जाय |
महाराष्ट्र का शिंगणापुर शनि मंदिर और
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महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर के मामले में जो नास्तिक वामपंथी ध्रर्म-निरपेक्ष सेकुलर औरतें आंदोलनरत हैं और सैंकड़ों महिलाओं को एकत्र करके बसों में भरकर ला रही हैं, मुझे नहीं लगता कि वे किसी मंदिर में श्रद्धा के साथ कभी गयी होंगी| एक हेलिकोप्टर भी किराए पर लेकर वहां के चबूतरे पर उतरने की धमकी दे रही हैं|
उस मंदिर की परंपरा है कि वहाँ पिछले चारसौ वर्षों से किसी स्त्री को प्रवेश की अनुमति नहीं है|
इस बारे में मैं अपने विचार व्यक्त करना चाहता हूँ|
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जहाँ तक मेरी जानकारी है ग्रहों के पूजन की शास्त्रोक्त परम्परा सनातन धर्म में नहीं है| ग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा भी नहीं की जाती| उनका आवाहन करते ही उन्हें आहुति देनी पडती है| उनका स्मरण करते ही उनका प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है जो गलत है| उनकी जगह उनका प्रभाव दूर करने के लिए शिव का स्मरण निरंतर करना चाहिए|
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टीवी पर अनेक सड़क छाप ज्योतिषी शनि महिमा का बखान करते हैं| फेसबुक पर भी अनेक लोग शनि की महिमा के पोस्ट डालते हैं| शनि के सम्मुख तो परम विद्वान् रावण भी नहीं जाना चाहता था| जो भी ज्योतिषी आपको शनि मंदिर में जाने को कहे वह गलत है| शनि की पीड़ा के निवारण के लिए हनुमान जी की साधना की जाती है, शनि मंदिर में नहीं जाया जाता|
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जो लोग शनि की पूजा करते हैं वे कोई धार्मिक या आध्यात्मिक लोग नहीं हैं, माँगना ही उनका मुख्य पेशा है| महाराष्ट्र में जहाँ शिंगणापुर में यह शनि मंदिर है वहाँ इतनी गरीबी है की लोगों को अपने घरों में ताले लगाने की आवश्यकता नहीं पडती| चोरी होने लायक वहां के लोगों के पास कुछ है ही नहीं|
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अतः जो औरतें वहाँ जाना चाहती हैं उन्हें जाने देना चाहिए बशर्ते की वे वहां जाकर शनि की पूजा करें, कोई तमाशा न करें|
उन पर शनि की दशा लगना भी निश्चित है और उनका विनाश भी निश्चित है| अतः उन्हें शनि की कुदृष्टि लगे इसलिए उन्हें जाकर वहां पूजा करने दी जाय |
ॐ नमः शिवाय | शिव शिव शिव शिव शिव | ॐ ॐ ॐ ||
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