Saturday, 23 April 2022

मैं साँस नहीं ले रहा, यह समस्त सृष्टि मेरे माध्यम से साँस ले रही है ---

 मैं साँस नहीं ले रहा, यह समस्त सृष्टि मेरे माध्यम से साँस ले रही है। यह देह साक्षात् परमात्मा का एक उपकरण है। स्वयं परमात्मा इस उपकरण से साँस ले रहे हैं। मेरा होना, और यह पृथकता का बोध एक भ्रम मात्र है। जो कुछ भी इस ब्रह्मांड में और उससे परे, सृष्ट और असृष्ट है, वह मैं हूँ। मुझ से परे अन्य कुछ भी नहीं है। मैं यह देह नहीं, परमात्मा की सर्वव्यापकता और पूर्णता हूँ।

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ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पूरी निष्ठा और श्रद्धा-विश्वास से भगवान का ध्यान करें। आप पायेंगे कि आप अकेले नहीं हैं, आप के साथ सूक्ष्म जगत के अनेक सिद्ध संत-महात्मा हर समय हैं। उनकी पवित्र उपस्थिती का आभास ध्यान में निश्चित रूप से होगा। मुझे भी अनेक बार हुआ है।
ॐ नमः शिवाय !! ॐ नमो भगवते वसुदेवाय !!
१९ अप्रेल २०२२

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