Saturday, 23 April 2022

भगवान का कार्य तो करना ही पड़ेगा, कोई विकल्प नहीं है ---

 भगवान का कार्य तो करना ही पड़ेगा, कोई विकल्प नहीं है ---

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मुझे भगवान ने एक काम दिया था, जो मैंने सत्यनिष्ठा (ईमानदारी) से नहीं किया, सौ बहाने बनाए और हज़ार शिकायतें कीं। भगवान ने कुछ नहीं कहा।
कई बार भगवान ने उस काम को पूरा करने को कहा, लेकिन फिर भी मैं बहाने ही बनाता रहा। अब की बार भगवान ने बड़े प्रेम से स्पष्ट कह दिया है कि कितने भी बहाने बनाओ, कुछ लाभ नहीं है। वह काम तो करना ही पड़ेगा, अन्यथा अनेक जन्म और लेने पड़ेंगे। इस जन्म में नहीं किया तो अगले जन्मों में करना होगा। लेकिन वह काम तो करना ही होगा। उसके बिना मुक्ति नहीं है। भगवान का धैर्य भी मानना ही पड़ेगा।
अब उनका काम निश्चित रूप से पूरा होगा। करेंगे तो वे ही, मैं तो निमित्त मात्र ही रहूँगा। देरी से अक्ल (सुबुद्धि) आई है। ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१७ अप्रेल २०२२
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जिस कार्य की मैं बात कर रहा हूँ, वह है "आत्म-साक्षात्कार" यानि ईश्वर की प्राप्ति। हमारे सारे धर्मग्रंथ और सारे संत-महात्मा यही बार बार बार बहुत ही ऊंची आवाज में कह रहे हैं। हमारा लक्ष्य परमात्मा है, कोई विचारधारा, मज़हब या रिलीजन नहीं। सामने भगवान स्वयं है, मार्ग स्पष्ट है, कोई संशय नहीं है। लेकिन कष्ट तो स्वयं को ही उठाना पड़ेगा। जिसको प्यास लगी हो वही पानी पीएगा। ईश्वर को कोई प्राप्त नहीं करना चाहता, सब को उनका ऐश्वर्य ही चाहिए। कोई दो लाख में से एक व्यक्ति ही ईश्वर को पाने की अभीप्सा रखता है।
!! ॐ ॐ ॐ !!

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