Friday 25 August 2017

चीन ने तिब्बत पर बलात् अधिकार क्यों किया ? भारत-चीन के मध्य तनाव का असली कारण क्या है ?

कल मैंने एक पोस्ट में दो प्रश्न पूछे थे .....
चीन ने तिब्बत पर बलात् अधिकार क्यों किया ?
भारत-चीन के मध्य तनाव का असली कारण क्या है ?
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चीन ने तिब्बत पर अधिकार किया इसका असली कारण वहाँ की अथाह जल राशि, और भूगर्भीय संपदा है, जिसका अभी तक दोहन नहीं हुआ है| तिब्बत में कई ग्लेशियर हैं और कई विशाल झीलें हैं| भारत की तीन विशाल नदियाँ ..... ब्रह्मपुत्र, सतलज, और सिन्धु ..... तिब्बत से आती हैं| गंगा में आकर मिलने वाली कई छोटी नदियाँ भी तिब्बत से आती हैं| चीन इस विशाल जल संपदा पर अपना अधिकार रखना चाहता है इसलिए उसने तिब्बत पर अधिकार कर लिया| हो सकता है भविष्य में वह इस जल धारा का प्रवाह चीन की ओर मोड़ दे| इस से भारत में तो हाहाकार मच जाएगा पर चीन का एक बहुत बड़ा क्षेत्र हरा भरा हो जाएगा|
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चीन का सीमा विवाद उन्हीं पड़ोसियों से रहा है जहाँ सीमा पर कोई नदी है, अन्यथा नहीं| रूस से उसका सीमा विवाद उसूरी और आमूर नदियों के जल पर था| ये नदियाँ अपना मार्ग बदलती रहती हैं, कभी चीन में कभी रूस में| उन पर नियंत्रण को लेकर दोनों देशों की सेनाओं में एक बार झड़प भी हुई थी| अब तो दोनों में समझौता हो गया है और कोई विवाद नहीं है|
वियतनाम में चीन से युआन नदी आती है जिस पर हुए विवाद के कारण चीन और वियतनाम में सैनिक युद्ध भी हुआ था| उसके बाद समझौता हो गया|
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चीन को पता था कि भारत से एक न एक दिन उसका युद्ध अवश्य होगा अतः उसने भारत को घेरना शुरू कर दिया| बंगाल की खाड़ी में कोको द्वीप इसी लिए उसने म्यांमार से लीज पर लिया|
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भारत को तिब्बत पर अपना अधिकार नहीं छोड़ना चाहिए था| अंग्रेजों का वहाँ अप्रत्यक्ष अधिकार था| आजादी के बाद भारत ने भारत-तिब्बत सीमा पर कभी भौगोलिक सर्वे का काम भी नहीं किया जो बहुत पहिले कर लेना चाहिए था| सन १९६२ में बिना तैयारी के चीन से युद्ध भी नहीं करना चाहिए था| जब युद्ध ही किया तो वायु सेना का प्रयोग क्यों नहीं किया? चीन की तो कोई वायुसेना तिब्बत में थी ही नहीं| १९६२ के युद्ध के बारे बहुत सारी सच्ची बातें जनता से छिपाकर अति गोपनीय रखी गयी हैं ताकि लोग भड़क न जाएँ|
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भारत-चीन में सदा तनाव बना रहे इस लिए अमेरिका की CIA ने भारत में दलाई लामा को घुसा दिया| वर्त्तमान में तनाव तो दलाई लामा को लेकर ही है| दलाई लामा चीन की दुखती रग है|
दलाई लामा आदतन बछड़े का मांस खाते हैं| सारे तिब्बती गाय का और सूअर का मांस खाते हैं| सनातन हिन्दू धर्म से उनका कोई लेना देना नहीं है|
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चीन भारत से लड़ाई इसलिए नहीं कर रहा है क्योंकि भारत से व्यापार में उसे बहुत अधिक लाभ हो रहा है| वह भारत से व्यापार बंद नहीं करना चाहता| भारत भी अपनी आवश्यकता के बहुत सारे सामानों के लिए चीन पर निर्भर है|
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भारत-चीन के बीच असली लड़ाई तो पानी की लड़ाई है| पीने के पानी की दुनिया में दिन प्रतिदिन कमी होती जा रही है| भारत और चीन में युद्ध होगा तो वह पानी के लिए ही होगा|
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दक्षिणी चीन सागर में उसका अन्य देशों से विवाद भूगर्भीय तेल संपदा के कारण है जो वहाँ प्रचुर मात्रा में है| अन्य कोई कारण नहीं है|
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धन्यवाद ! ॐ ॐ ॐ ||


१४ अगस्त २०१४

1 comment:

  1. चीन ने तिब्बत पर बलात् अधिकार क्यों किया ?
    भारत-चीन के मध्य तनाव का असली कारण क्या है ?
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    चीन ने तिब्बत पर अधिकार किया इसके पीछे उसकी भू लिप्सा नहीं, कारण कुछ और था |
    चीन के अपने उन सभी पड़ोसियों से जिनसे उसका विवाद है, का कारण भी भूमि का लालच नहीं, कारण कुछ और है |
    चीन ने बंगाल की खाड़ी में म्यान्मार (बर्मा) से कोको द्वीप लीज पर क्यों लिया उसके भी कारण हैं |
    भारत को घेरने की नीति चीन ने क्यों बनाई ? इसके पीछे भी कारण हैं |
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    इस बात को माओ बहुत अच्छी तरह समझता था, पर जवाहलाल नेहरु नहीं समझ पाये | माओ ने तिब्बत पर अधिकार कर लिया, अक्सा चान (अक्साई चिन) भारत से छीन लिया | भारत का नेतृत्व इस बात को बहुत देरी से समझा, पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी | यदि जवाहरलाल नेहरु इस बात को समय पर समझ जाते तो तिब्बत पर कभी भी चीन का अधिकार नहीं होने देते | बहुत देरी से समझे तो बिना किसी तैयारी के १९६२ में चीन से युद्ध आरम्भ कर दिया, जिसमें हम बहुत बुरी तरह हारे | चीन से १९६२ का युद्ध हमने ही शुरू किया था बिना किसी तैयारी के | नरेन्द्र मोदी इस बात को समझते थे, अतः प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने उन सब देशों की मित्रता यात्रा की जिनकी सीमा चीन से लगती है |
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    दक्षिणी चीन सागर को लेकर चीन का अन्य पड़ोसी देशों से विवाद क्यों है ? इसका भी कारण है |
    चीन भारत को बहुत बुरी तरह धमका रहा है, पर युद्ध करने का साहस उसमें नहीं है | इसका कारण भारत की सैनिक क्षमता नहीं, कारण कुछ और है | भारत इस बात को समझता है |
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    इन बातों को समझने के लिए भविष्य में झाँकने की समझ, दूरदृष्टि, विवेक और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का ज्ञान चाहिए |
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    उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर कल या परसों फुर्सत से दूंगा और उन पर चर्चा करूंगा | अभी नहीं |

    शुभ रात्रि |

    १३ अगस्त २०१७

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