Friday 25 August 2017

१५ अगस्त की प्रतीक्षा है .....

१५ अगस्त की प्रतीक्षा है .....
-------------------------
१५ अगस्त की प्रतीक्षा है | १५ अगस्त को श्रीअरविन्द का जन्मदिवस है | इस दिन श्रीअरविन्दाश्रम झुंझुनू के बच्चों द्वारा प्रातः आठ बजे से मनाए जाने वाले उत्सव में अवश्य जाता हूँ | बच्चे बड़े सुन्दर भजन सुनाते हैं | यहाँ के बच्चों को संस्कृत, हिंदी और अंग्रेजी इन तीनों भाषाओँ का गहन अध्ययन कराया जाता है | श्रीअरविन्द और श्रीमाँ के साहित्य और सनातन धर्म का अध्ययन भी कराया जाता है |
.
इस दिन श्रीअरविन्द द्वारा दिया हुआ उत्तरपाड़ा का भाषण अवश्य पढ़ें | यह मूल अंग्रेजी सहित हिंदी अनुवाद के साथ अंतरजाल (Internet) पर उपलब्ध है |
.
इस वर्ष इस दिन श्रीकृष्णजन्माष्टमी भी है | वेदान्त के जो परमब्रह्म हैं, साकार रूप में वे ही भगवान श्रीकृष्ण हैं |
.
पचास-साठ वर्षों पूर्व की बात है | जब हम बच्चे थे तब प्रायः सभी विद्यालयों में १५ अगस्त और २६ जनवरी के दिन सभी बच्चों से नारे लगवाए जाते थे ..... "महात्मा गाँधी की जय", "पंडित जवाहरलाल नेहरु की जय" | नारे लगाते लगाते जुलुस के रूप में एक मैदान में जाते जहाँ पुलिस की परेड होती थी|
.
अब तो एक क्षोभ सा होता है इस दिन | क्या हम सचमुच स्वतंत्र हुए थे या यह सत्ता का एक हस्तांतरण मात्र था ? भारत माँ को यदि स्वतन्त्रता मिली भी तो किस मूल्य पर मिली ? भारत माँ के दोनों हाथ कन्धों सहित काट डाले गए, और आधा सिर काट दिया गया | तीस-पैंतीस लाख हिन्दुओं की हत्याएँ हुईं, लाखों हिन्दू महिलाओं ओर बच्चियों की दुर्गति हुई | हज़ारों बच्चे अनाथ हुए | करोड़ों लोग विस्थापित होने को बाध्य हुए | एक ओर दिल्ली में उत्सव मनाया जा रहा था, दूसरी ओर लाखों परिवार अपना सब कुछ गँवा कर शरणार्थी के रूप में भारत आ रहे थे | (ना)पाकिस्तान से हिन्दुओं की लाशों से भरी हुईं रेलगाड़ियाँ भारत भेजी जा रही थीं | कितने बुरे दिन थे !!!
.
अब मन में एक प्रश्न उठता है कि क्या हम सचमुच स्वतंत्र हैं ? धन्य हैं वे लोग जिन्होंने अपना सब कुछ छोड़ दिया पर अपना धर्म नहीं छोड़ा और खंडित भारत में शरण लेना स्वीकार किया |
.
अब इन सब को भुलाकर परमात्मा पर ध्यान ही अच्छा लगता है | वास्तविक स्वतंत्रता परमात्मा में है | फिर भी विश्वास है कि वह दिन शीघ्र आयेगा जब भारत माँ अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखण्डता के सिंहासन पर बिराजमान होगी | असत्य और अन्धकार का नाश होगा और धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा होगी |
.
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||


१२ अगस्त २०१७

No comments:

Post a Comment