Sunday 11 June 2017

भारत एक हिन्दू राष्ट्र है, चाहे इसे कोई माने या न माने .....

भारत एक हिन्दू राष्ट्र है, चाहे इसे कोई माने या न माने .....
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भारत की अस्मिता हिंदुत्व है| हिंदुत्व के बिना भारत, भारत नहीं है| भारत की आत्मा आध्यात्म है| दूसरे शब्दों में भारत एक आध्यात्मिक देश है| प्राचीन काल से अब तक इस देश पर कई बार असुरों का अधिकार हुआ है पर देवत्व की शक्तियों ने सदा उन्हें पराभूत कर के पुनश्चः धर्म की स्थापना की है|
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भारत का अस्तित्व सदा बचा रहा है सिर्फ धर्म की पुनर्स्थापना के लिए| सूक्ष्म रूप से भारत ऊर्ध्वमुखी चेतना के लोगों का समूह है जो चाहे कहीं भी रहते हों पर उनकी चेतना ऊर्ध्वमुखी है| चौबीस हज़ार वर्षों के कालखंड में चौबीस सौ वर्ष ही ऐसे आते हैं जब भारत का पतन होता है| भारत फिर खड़ा हो जाता है| वह पतन का समय अब निकल चुका है| आगे प्रगति ही प्रगति है| धर्म की निश्चित रूप से पुनर्स्थापना होगी और आसुरी शक्तियाँ पराभूत होंगी|
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जो अपनी बात मनाने के लिए हिंसा से दूर है वह हिन्दू है| भारत पुनश्चः आध्यात्मिक हिन्दू राष्ट्र होगा| इसके लिए हमें धर्माचरण द्वारा ब्रह्मत्व को जागृत कर दैवीय शक्तियों का आश्रय भी लेना होगा| जो धर्माचरण नहीं करेंगे वे नष्ट हो जायेंगे|
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एक प्रचंड आध्यात्मिक शक्ति का उदय हम सब के भीतर हो रहा है जिसके आगे असत्य और अन्धकार नहीं टिक पायेगा|
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ॐ ॐ ॐ | ॐ ॐ ॐ | ॐ ॐ ॐ ||

1 comment:

  1. अनेक साधू-संत और अनेक साधक अपनी आध्यात्मिक साधना द्वारा भारतवर्ष को धर्म आधारित हिन्दू राष्ट्र बनाने को कृतसंकल्प हैं| भारत में सनातन धर्म आधारित राज्य व्यवस्था हो और सनातन धर्म ही भारत की राजनीति हो| असत्य और अन्धकार की शक्तियों का पूर्ण पराभव हो, सनातन धर्म की सम्पूर्ण विश्व में पुनर्स्थापना हो, और भारत माँ अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखण्डता के सिंहासन पर बिराजमान हो| अगर ईश्वर और धर्म का अस्तित्व है तो हमारा यह संकल्प अवश्य पूर्ण होगा|
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    सनातन धर्म और संस्कृति पर जो मर्मान्तक प्रहार हो रहे हैं उनका प्रतिकार करने के लिए भारत का हिन्दू राष्ट्र होना और सनातन धर्म आधारित राज्य व्यवस्था अति आवश्यक है| जय जननी, जय भारत | ॐ ॐ ॐ ||

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