Thursday 20 April 2017

कश्मीर की एक वास्तविकता .....

कश्मीर की एक वास्तविकता  .....
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कश्मीर की राजधानी श्रीनगर को सम्राट अशोक ने बसाया था|
जब चीनी यात्री ह्वैंसान्ग भारत आया था तो उसने कश्मीर में ढाई हज़ार से अधिक बौद्ध मठों का होना बताया था|
कश्मीरी शैव दर्शन वास्तविक कश्मीरियत है, इसका जन्म और विकास कश्मीर में ही हुआ|
पूरा कश्मीर अतीत में वैदिक शिक्षा का केंद्र रहा है|
आज से सात सौ वर्ष पूर्व तक कश्मीर में शत प्रतिशत हिन्दू थे| बौद्ध भी हिंदुत्व के ही भाग थे|
जब मंगोलों के आक्रमण मध्य एशिया पर हुए तब मध्य एशिया के अनेक मुसलमान शरणार्थी के रूप में कश्मीर में आये जिन्हें वहाँ के हिन्दू राजाओं ने शरण दी और आगे का इतिहास राजतरंगिनी में लिखा है|
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आज जो कश्मीर के हिन्दुओं पर बीत रही है कल को वैसा ही योरोप में होगा| .
आजकल योरोप में जो शरणार्थी जा रहे हैं वह योरोप पर एक ज़िहादी आक्रमण है| जो भारत के हिन्दू कश्मीरियों पर बीती है वही योरोप के मूल निवासियों पर बीतने वाली है| यह कोई कल्पना नहीं एक वास्तविकता है|
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कश्मीर घाटी के वे लोग जो भारत के विरोध में हर अवसर पर और हर स्थान पर भारत विरोधी नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे हैं, संभवतः पाकिस्तान अधिकृत गुलाम कश्मीर की वास्तविकता से परिचित नहीं है| उन्हें यह भी नहीं पता होगा कि बाकी के पाकिस्तान के क्या हाल हैं| भारत से बाहर मेरा अनेक देशों में अनेक पाकिस्तानियों से मिलना और विचार-विमर्श हुआ है और पाकिस्तान की मानसिकता को मैं खूब अच्छी तरह समझता हूँ| यहाँ मैं कुछ तथ्य प्रस्तुत कर रहा हूँ|
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पाकिस्तान में पंजाबी पाकिस्तानी सबसे अधिक दबंग और प्रभावशाली हैं| वे अपने सामने अन्य पाकिस्तानियों को कुछ भी नहीं समझते| पाकिस्तान की राजनीति में, सेना में और प्रशासन में उन्हीं का दबदबा है और वे अन्य प्रान्त के लोगों को बड़ी हीन दृष्टी से देखते हैं| आपस की बोलचाल में वे पंजाबी भाषा का ही प्रयोग करते हैं|
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भारत से गए लोगों की वहाँ कोई कद्र नहीं है, उनको मुहाजिर कहा जाता है और बड़ी नीची निगाह से देखा जाता है| पंजाबी लोग तो उन्हें अपने पास बैठाना भी पसंद नहीं करते|
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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों को पंजाबी पाकिस्तानियों द्वारा आतंकित कर के और बहुत डरा धमका कर रखा हुआ है| वहां के कश्मीरियों के पास अपनी व्यथा व्यक्त करने के लिए कोई मंच नहीं है|
पाकिस्तान के सारे आतंकी प्रशिक्षण केंद्र गुलाम कश्मीर में हैं| उन आतंकी प्रशिक्षण केन्द्रों को चलाने वाले सारे पंजाबी पाकिस्तानी हैं|
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गुलाम कश्मीर में कोई विकास का कार्य नहीं हुआ है| बेरोजगार लोगों के लिए आतंकी बन जाना एक मजबूरी है| कश्मीरी लोग यदि पाकिस्तान में चले भी जाते हैं तो जीवन भर रोयेंगे| उनको यहाँ जो सुख सुविधा मिल रही है वह वहाँ एक दुःस्वप्न मात्र होगी| उनको वहाँ पाकिस्तानी पंजाबियों का गुलाम बनकर जीवन भर रहना होगा|
और भी कई बाते हैं, पर विस्तार भय से अधिक नहीं लिख रहा|
तथाकथित शांतिप्रिय भटके हुए कश्मीरी लोगों को भगवान सद्बुद्धि दे|


इति ||

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