क्या हमें आयातित विदेशी साधू संतों की आवश्यकता है ?????
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भारत साधू संतों और तपस्वियों की भूमि है| यहाँ की पवित्र नदियाँ, उनके किनारों की तपोभूमियाँ, हिमालय के वन और तपःस्थलियाँ , तीर्थस्थल और आध्यात्मिकता जिसकी कोई बराबरी नहीं कर सकता| परमात्मा को पाने की अभीप्सा, अहैतुकी परम प्रेम की अवधारणा और भक्ति इन सब की कोई बराबरी नहीं है|
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भारत में आज यह स्थिति है कि कोई विदेशी भी साधुवेश में आकर धर्मोपदेश देने लगे तो हम अभिभूत हो जाते हैं|
क्या भारत में साधू संतों की कमी है?
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क्या हमें विदेशों से संत आयात करने चाहियें?
इस विषय पर सभी मनीषियों से स्पष्ट रूप से अपने विचार व्यक्त करने की प्रार्थना है|
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भारत साधू संतों और तपस्वियों की भूमि है| यहाँ की पवित्र नदियाँ, उनके किनारों की तपोभूमियाँ, हिमालय के वन और तपःस्थलियाँ , तीर्थस्थल और आध्यात्मिकता जिसकी कोई बराबरी नहीं कर सकता| परमात्मा को पाने की अभीप्सा, अहैतुकी परम प्रेम की अवधारणा और भक्ति इन सब की कोई बराबरी नहीं है|
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भारत में आज यह स्थिति है कि कोई विदेशी भी साधुवेश में आकर धर्मोपदेश देने लगे तो हम अभिभूत हो जाते हैं|
क्या भारत में साधू संतों की कमी है?
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क्या हमें विदेशों से संत आयात करने चाहियें?
इस विषय पर सभी मनीषियों से स्पष्ट रूप से अपने विचार व्यक्त करने की प्रार्थना है|
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