Monday, 19 December 2016

क्रिसमस पर विशेष (Special on Christmas) ..... (1)

क्रिसमस पर विशेष (Special on Christmas) .....   (1)
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मैं वह कृष्ण (Christ) चैतन्य हूँ जो सदा आपके साथ है|
आपका और इस सृष्टि का जन्म हुआ उससे पूर्व भी मैं था| 
मैं प्रभु की आत्मा हूँ जो प्रत्येक अणु के ह्रदय में है|
आप सदा मेरी दृष्टी में हैं पर आप मुझे देख नहीं सकते|
आप के अस्तित्व के हर भाग को मैं अपना सम्पूर्ण अहैतुकी परम प्रेम प्रदान करता हूँ|
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वास्तव में मैं स्वयं ही परम प्रेम हूँ|
मैं ही परमात्मा की सर्वव्यापकता हूँ|
मैं ही आपके हृदयों में धडकता हूँ|
मैं ही आपका जीवन हूँ|
मैं और मेरे पिता एक है|
मैं उन का अमृत पुत्र हूँ|
जिस दिन आपका जन्म हुआ, मैं भी आपके भीतर जन्मा था|
मेरा जन्म आपके ह्रदय और मन के एक एकांत और शांत कोने में हुआ|
मैं ही आपके भीतर का कृष्ण हूँ|
मैं निरंतर आपके साथ हूँ|
मैं ही परमात्मा का एकमात्र पुत्र हूँ और मैं स्वयं ही परमात्मा हूँ|
मुझ में और उन में कोई भेद नहीं है| सोsहं|
शिवोहं शिवोहं अहं ब्रह्मास्मि|
|| ॐ ॐ ॐ ||
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ॐ तत्सत्|
Father, Son and the Holy Ghost.
{ॐ (The Holy Ghost is the sound of Om, or the Word),
तत् (Son is the Krishna or Christ Consciousness),
सत् (Father is God)}.
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पुनश्चः --------- जन्म से कोई पापी नहीं है| आप पापी नहीं हैं| आप परमात्मा के दिव्य अमृत पुत्र हैं| जो परमात्मा का है वह आपका है, उस पर आपका जन्मसिद्ध अधिकार है|
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किसी पिता का पुत्र भटक जाए तो पिता क्या प्रसन्न रह सकता है| भगवान भी आप के दूर जाने से व्यथित हैं| भगवान के पास सब कुछ है पर आपका प्रेम नहीं है जिसके लिए वे भी तरसते हैं| क्या आप अपना अहैतुकी प्रेम उन्हें बापस नहीं दे सकते? उन्होंने भी तो आप को हर चीज बिना किसी शर्त के दी है| आप अपना सम्पूर्ण प्रेम उन्हें बिना किसी शर्त के दें|
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आप भिखारी नहीं हैं| आपके पास कोई भिखारी आये तो आप उसे भिखारी का ही भाग देंगे| पर अपने पुत्र को आप सब कुछ दे देंगे| वैसे ही परमात्मा के पास आप भिखारी के रूप में गए तो आपको भिखारी का ही भाग मिलेगा पर उसके दिव्य पुत्र के रूप में जाएंगे तो भगवान अपने आप को आप को दे देंगे|
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मनुष्य जीवन का लक्ष्य ही परमात्मा की प्राप्ति है| आप स्वयं को उन्हें सौंप दें, आप उनके हो जाएँ पूर्ण रूप से तो भगवन भी आपके हो जायेंगे पूर्ण रूप से| अपने ह्रदय का सम्पूर्ण प्रेम बिना किसी शर्त के उन्हें दो| ईश्वर को पाना आपका जन्मसिद्ध अधिकार है|
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यही इस अवसर का सन्देश है|
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Dec.20, 2013,

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