"धूजणी" छूट रही है ......
शीत लहर यानि ठंडी हवाओं से जब कंपकंपी सी होती है उसे राजस्थान की मारवाड़ी भाषा में "धूजणी" कहते हैं| ठिठुरन को कहीं कहीं "दाहो" भी कहते हैं| सर्दी का सबसे बड़ा आनंद यह कि इसमें गर्मी नहीं लगती| हम मनपसंद के खूब गर्म कपड़े पहिन सकते हैं, खूब अच्छा भोजन कर सकते हैं| इस हाड कंपा देने वाली ठण्ड का भी एक अलग आनंद है|
आप सब से एक प्रार्थना है .....
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आप के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी विद्यालय तो अवश्य ही होंगे| सरकारी विद्यालयों में गरीब बालक ही पढ़ते हैं जबकि प्रशिक्षित अध्यापक सरकारी विद्यालयों में ही होते हैं|
आपके आसपास के किसी ग्रामीण सरकारी विद्यालय में कोई गरीब बालक/बालिका हो जिनके माता-पिता उनके लिए ऊनी वस्त्र खरीदने में असमर्थ हो तो यह हमारा दायित्व बन जाता है कि हम बिना कोई अहसान दिखाए, उनके लिए गर्म वस्त्रों की व्यवस्था करें| गरीब बच्चों की पहिचान कर उनके लिए गर्म स्वेटर, टोपी और मोज़े व जूते अवश्य बाँटें|
यह एक अवसर दिया है भगवान ने हमें सेवा करने का, जिसका लाभ अवश्य उठायें| आपके आसपास कोई वंचित ना हो, इसका ध्यान रखें| आप नर के रूप में नारायण की ही सेवा कर रहे हैं|
ॐ ॐ ॐ ||
शीत लहर यानि ठंडी हवाओं से जब कंपकंपी सी होती है उसे राजस्थान की मारवाड़ी भाषा में "धूजणी" कहते हैं| ठिठुरन को कहीं कहीं "दाहो" भी कहते हैं| सर्दी का सबसे बड़ा आनंद यह कि इसमें गर्मी नहीं लगती| हम मनपसंद के खूब गर्म कपड़े पहिन सकते हैं, खूब अच्छा भोजन कर सकते हैं| इस हाड कंपा देने वाली ठण्ड का भी एक अलग आनंद है|
आप सब से एक प्रार्थना है .....
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आप के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी विद्यालय तो अवश्य ही होंगे| सरकारी विद्यालयों में गरीब बालक ही पढ़ते हैं जबकि प्रशिक्षित अध्यापक सरकारी विद्यालयों में ही होते हैं|
आपके आसपास के किसी ग्रामीण सरकारी विद्यालय में कोई गरीब बालक/बालिका हो जिनके माता-पिता उनके लिए ऊनी वस्त्र खरीदने में असमर्थ हो तो यह हमारा दायित्व बन जाता है कि हम बिना कोई अहसान दिखाए, उनके लिए गर्म वस्त्रों की व्यवस्था करें| गरीब बच्चों की पहिचान कर उनके लिए गर्म स्वेटर, टोपी और मोज़े व जूते अवश्य बाँटें|
यह एक अवसर दिया है भगवान ने हमें सेवा करने का, जिसका लाभ अवश्य उठायें| आपके आसपास कोई वंचित ना हो, इसका ध्यान रखें| आप नर के रूप में नारायण की ही सेवा कर रहे हैं|
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