Sunday, 24 November 2024

गुरु के प्रति समर्पण कैसे हो?

  (प्रश्न) गुरु के प्रति समर्पण कैसे हो?

(उत्तर) जिस आध्यात्मिक चेतना में गुरुदेव स्थित हैं, महत्व उस आध्यात्मिक चेतना का है। गहनतम दीर्घ ध्यान करते हुए उस चेतना के साथ एक हो जाना चाहिए। यह गुरु के प्रति समर्पण है।
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भगवान कहते हैं --
"एषा ब्राह्मी स्थितिः पार्थ नैनां प्राप्य विमुह्यति।
स्थित्वाऽस्यामन्तकालेऽपि ब्रह्मनिर्वाणमृच्छति॥२:७२॥"
अर्थात् - यह ब्राह्मी स्थिति है, जिसे प्राप्त कर पुरुष मोहित नहीं होता। अन्तकाल में भी इस निष्ठा में स्थित होकर ब्रह्मनिर्वाण (ब्रह्म के साथ एकत्व) को प्राप्त होता है।
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भगवान से यह संदेश है कि -- "सब कर्मों का सन्यास करके केवल ब्रह्म रूप से स्थित हो जाना है।" ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
२४ नवंबर २०२२

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