Friday 2 February 2018

जब से मेरे हृदय में मेरे परम प्रिय आये हैं .....

जब से मेरे हृदय में मेरे परम प्रिय परब्रह्म परमशिव आये हैं, मेरा हृदय उन्हीं का हो गया है| अब तो वे स्वयं ही मेरे हृदय बन गए हैं| मैं स्वयं को सभी दर्शन शास्त्रों, मत-मतान्तरों, सम्प्रदायों, विवादों, धारणाओं, तर्क-वितर्को, कामनाओं, व अपेक्षाओं से इसी क्षण मुक्त कर रहा हूँ| मैं वैसे भी कुछ भी नहीं हूँ, मेरा कोई अस्तित्व नहीं है| जो भी हैं वे मेरे परमप्रिय मेरे प्रभु ही हैं, सिर्फ उन्हीं का अस्तित्व है|
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भारत के भविष्य के प्रति मैं पूर्णतः आशावान व आश्वस्त हूँ| सब अपना अपना कार्य निष्ठापूर्वक यानि ईमानदारी से करेंगे तो सब सही होगा, जो भी होगा वह अच्छा ही होगा| वर्तमान सही है तो भविष्य भी सही ही होगा|
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हारिये न हिम्मत, बिसारिये न हरि नाम| सब को शुभ कामनाएँ और नमन!
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ॐ तत्सत ! ॐ ॐ ॐ !!
३१ जनवरी २०१८ 

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