भारत का साम्यवाद, समाजवाद और धर्मनिरपेक्षतावाद ---
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(१) भारत का साम्यवाद है -- खुद का माल तो अपना, और दूसरे का भी अपना। भारत के साम्यवादियों ने ही नहीं पूरे विश्व के साम्यवादियों ने दुनिया को जितना मुर्ख बनाया है, उतना तो किसी ने भी नहीं बनाया है।
(२) भारत का समाजवाद है -- खुद के परिवार को और खुद की जाति को तो आगे बढ़ाओ, बाकी गए भाड़ में। असली समाजवादी तो बहुत पहिले मर गये थे, मुलायम सिंह अंतिम समाजवादी थे।
(३) भारत का धर्मनिरपेक्षतावाद है -- जो हिन्दुओं की जितनी काट करे, हिन्दुओं की जितनी आलोचना व निंदा करे, और हिन्दुओं की जितनी हानि करे, वह उतना ही बड़ा धर्मनिरपेक्ष है।
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