Thursday 12 April 2018

दरिद्रता सबसे बड़ा पाप है .....

दरिद्रता सबसे बड़ा पाप है जो मानसिक अयोग्यता से उत्पन्न होता है| दरिद्रता दो प्रकार की होती है ..... एक तो भौतिक दरिद्रता और दूसरी आध्यात्मिक दरिद्रता| दोनों ही हमारे पापों का फल है| अपना पूरा प्रयास कर के इन से हम मुक्त हों| पर हमारे प्रयास धर्मसम्मत हों|

भौतिक समृद्धि ..... आध्यात्मिक समृद्धि का आधार है| भारत आध्यात्मिक रूप से समृद्ध था क्योंकि वह भौतिक रूप से भी समृद्ध था| गरीबी यानि दरिद्रता कोई आदर्श नहीं है, यह एक पाप है|

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