इस ग्रीष्म ऋतु का भी एक सौन्दर्य, दिव्यता और आनंद है जिसका अनुभव लेने
के लिए आपको सूर्योदय से डेढ़-दो घंटे पूर्व उठकर बाहर प्रकृति की गोद में
खुली हवा में घूमते हुए जाना होगा|
मरुभूमि में तो यह आनंद और भी गहरा है, जहाँ की विरल वृक्षावली और रेतीली भूमि की सुरभित वायु आपको मुग्ध कर देगी| उस सुरभित वायु में घूमिये और उचित स्थान देखकर भगवान का ध्यान कीजिये, आप धन्य हो जायेंगे|
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१२ अप्रेल २०१८
मरुभूमि में तो यह आनंद और भी गहरा है, जहाँ की विरल वृक्षावली और रेतीली भूमि की सुरभित वायु आपको मुग्ध कर देगी| उस सुरभित वायु में घूमिये और उचित स्थान देखकर भगवान का ध्यान कीजिये, आप धन्य हो जायेंगे|
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१२ अप्रेल २०१८
No comments:
Post a Comment