हमें सिर्फ पराजय का ही इतिहास पढ़ाया गया है ---
.
भारत के गौरवमय इतिहास से सम्बंधित अनेक तथ्य ऐसे हैं जो हमें कभी पढाये ही नहीं गए| हमें सिर्फ पराजय का ही इतिहास पढ़ाया गया है जिस से हमारे में आत्म-हीनता का बोध सदा बना रहे| हमें वही इतिहास पढ़ाया गया है जो अँगरेज़ चाहते थे| सही इतिहास पर अनेक संस्थाओं व व्यक्तियों द्वारा शोध कार्य हो रहे हैं| अगले दस-बीस वर्षों में हमें सही इतिहास का भी ज्ञान होगा, पर मेरी आयु की पीढ़ी तब तक जीवित नहीं रहेगी|
.
हमारी तो एक ही इच्छा थी कि हमारे जीवन काल में ही भारत माता द्विगुणित परम वैभव के साथ अखण्डता के सिंहासन पर बिराजमान हो और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार सम्पूर्ण विश्व में हो| पर अब नहीं लगता कि इस जीवनकाल में यह देख सकेंगे| यदि सत्य का और ईश्वर का अस्तित्व है तो यह कार्य निश्चित रूप से होगा| इसके हम साक्षी भी होंगे|
.
परमात्मा से निरंतर प्रेरणा मिल रही है आध्यात्म की गहनतम गहराइयों में ही जाने की| अब वही काम करेंगे जिस से परमात्मा को प्रसन्नता हो| परमात्मा हमारे से प्रसन्न हों बस यही चाहिए, और कुछ नहीं| सभी को नमन और शुभ कामनाएँ|
.
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !
१० मार्च २०१८
No comments:
Post a Comment