सन १९७१ के युद्ध में झुंझुनूं के ही मेरे एक पूर्व नौसैनिक मित्र द्वारा किया गया अद्वितीय पराक्रम
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झुंझुनूं के ही मेरे एक पूर्व नौसैनिक मित्र श्री महिपाल सिंह जी ने जो ५३ वर्ष पूर्व उस समय नौसेना की पूर्वी कमांड विशाखापटनम में एक वरिष्ठ Deep Sea Diver थे, एक ऐसा काम किया जिस पर आज विश्वास नहीं होता। लगता है उस समय उनमें उनके कोई इष्ट देवता ही आ गये थे, जिन्होंने उनसे यह काम करवाया, अन्यथा एक सामान्य मनुष्य के लिए तो यह एक असंभव कार्य है।
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पाकिस्तान की एक पनडुब्बी PNS Gazi विशाखापटनम के पास डूबा दी गयी थी, लेकिन किसी को भी पता नहीं था कि पनडुब्बी कहाँ पर डूबी है। वहाँ एक बहुत भयंकर विस्फोट हुआ था और पानी से बुलबुले निकल रहे थे। आसपास मछली पकड़ने वाले मछुहारों ने सोचा कि कोई वायुयान गिरकर डूब गया है। उन्होने इसकी रिपोर्ट नौसेना को की।
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उनकी रिपोर्ट के आधार पर वस्तुस्थिति का पता लगाने मेरे मित्र श्री महिपाल सिंह जी को समुद्र में पानी के नीचे भेजा गया। उन्होंने देखा कि वहाँ तो कोई हवाई जहाज नहीं, एक पनडुब्बी है, जिसका conning tower से आगे का भाग पूरी तरह नष्ट हो गया है, जिसमें से बुलबुले निकल रहे हैं। पीछे का भाग पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होने ऊपर आकर सूचना दी तो बहुत बड़ी हलचल हो गई। उन्हें पूर्वी कमांड के वरिष्ठतम अधिकारी ने एक एल्बम से अनेक चित्र दिखाये और पूछा कि इनमें से बताओ कि कौन सी पनडुब्बी है? उन्होने बता दिया कि यह पनडुब्बी है जो वास्तव में एक अमेरिकी थी।
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पूरी आवश्यक सुविधाएं जुटाकर उन्हें दुबारा नीचे भेजा गया तो उन्होंने उस Submarine के Aft Escape Hatch के चारों ओर बारूद लगाकर उड़ा दिया, और उस पूरे Aft Compartment को flood कर उसमें प्रवेश किया। सबसे पहिले पीछे की चारों Torpedo Tubes को चेक किया जो पूरी तरह loaded थीं। फिर एक मृत शरीर को लेकर ऊपर आए। उस मरे हुए पाकिस्तानी नौसैनिक की जेब से जो कागज मिले उनसे पता चला कि यह तो पाकिस्तान की submarine PNS Gazi थी। फिर तो श्री महिपाल सिंह जी के नेतृत्व में गोताख़ोरों की एक पूरी Team नीचे भेजी गयी। उन्होने Submarine के W/T Room को ढूंढ कर वहाँ के सारे कागजात एकत्र किए और पूरी Team बापस ऊपर आ गयी। उन कागजात को सुखाकर उनका अध्ययन किया गया। उससे पूरी कहानी का पता चला।
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महिपाल सिंह जी से मिलने स्वयं रक्षामंत्री बाबू जगजीन राम जी दिल्ली से आए। महिपाल सिंह जी को नौसेना मेडल से पुरष्कृत किया गया। नौसेना की पूर्वी कमांड में वे पूरी Diving Team के Incharge और सबसे वरिष्ठ Deep Sea Diver थे। उनसे ऊपर अन्य कोई नहीं था। आज भी वे झुंझुनूं में ही रहते हैं और उनसे मिलना होता रहता है। मुझे उनसे मित्रता पर गर्व है। उनको स्वस्थ व दीर्घ जीवन की मंगलमय शुभ कामना।
कृपा शंकर
१६ दिसंबर २०२४
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