Tuesday, 17 December 2024

निकट भविष्य में भारत को एक बड़े युद्ध में उतरना पड़ सकता है ---

 निकट भविष्य में भारत को एक बड़े युद्ध में उतरना पड़ सकता है ---

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मैं जो लिखने जा रहा हूँ वह कोई ज्योतिषीय गणना नहीं, वर्तमान विश्व की समसामयिक परिस्थितियों पर आधारित एक यथार्थ आंकलन है, जो सही भी हो सकता है और गलत भी। लेकिन हमें किसी भी परिस्थिति का सामना करने को तैयार रहना चाहिए।
भारत अपने आप को चाहे कितना भी अहिंसा का पुजारी, शांतिप्रिय और गांधीवादी सिद्ध करना चाहे, लेकिन भारत युद्ध से बच नहीं सकता। निकट भविष्य में भारत को एक भयानक युद्ध में उतरना ही पड़ सकता है। युद्ध हिंसा से ही जीते जाते हैं, अहिंसा से नहीं। समय आने पर हिंसक भी होना ही पड़ता है।
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मुझे लगता है कि भारत पर युद्ध -- भारत के कुछ पड़ोसी (चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश) ही थोपेंगे। चीन की यात्रा मैं तीन-चार बार कर चुका हूँ। वहाँ का खानपान ही ऐसा है कि लोगों की सोच ही महा तामसिक है। वे कीड़े-मकोड़े आदि (जो कुछ भी चलता-फिरता है) सब कुछ खा जाते हैं। वहाँ का घी और मक्खन भी जानवरों की चर्बी से बनाया जाता है। उनका भरोसा नहीं किया जा सकता। वे कुत्ते का मांस तक खाते हैं। चीन में हजारों भारतीय काम भी करते हैं, और व्यापार भी। वे अपना खाना खुद बनाकर खाते हैं। आप चीन से आये किसी भी भारतीय को पूछ सकते हैं।
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इस बात की पूरी संभावना है कि अवसर मिलते ही चीन -- पाकिस्तान और बांग्लादेश को भड़का कर उनको अपने साथ लेकर भारत से एक युद्ध छेड़ेगा। यह युद्ध बड़ा भयानक और निर्णायक होगा। संभावना है कि म्यांमार पर भी चीन -- सैनिक आक्रमण कर के अपना अधिकार कर सकता है, क्योंकि चीन के समक्ष म्यामार एक निरीह देश है। बांग्लादेश में वहाँ के कट्टरपंथियों ने वहाँ के हिंदुओं की हत्या करना आरंभ कर दिया है। उसमें अब और तेजी आयेगी। पाकिस्तान में बहुत मुश्किल से १% हिन्दू बचे हैं, वे भी मार दिये जा सकते हैं। हालत बहुत अधिक गंभीर हो जायेगी। विवश होकर भारत को सैनिक हस्तक्षेप करना ही होगा।
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अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन को अपना शत्रु नंबर एक बताया है। चीन ने अमेरिका में अपने एक लाख से अधिक युवा अविवाहित पूरी तरह से प्रशिक्षित पुरुष व महिला सैनिकों की घुसपैठ करा दी है। उनका उद्देश्य समय आने पर अमेरिका को पूरी तरह से तोड़ना है। अंततः अमेरिका और चीन में भी युद्ध होना निश्चित है, जिसमें चीन के सात टुकड़े हो सकते हैं।
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भारत में भी चीन और पाकिस्तान के बहुत अधिक समर्थक हैं। वे यहाँ गृह-युद्ध की सी स्थिति उत्पन्न कर सकते हैं। उनसे निपटने की भी तैयारी सभी राष्ट्रप्रेमियों को करनी पड़ेगी। जो कुछ भी विनाश होना है वह अगले एक वर्ष के भीतर भीतर हो जाएगा। फिर नवसृजन का युग आरंभ होगा। ऐसा होता आया है और होता ही रहेगा।
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यह एक आंकलन मात्र है वर्तमान परिप्रेक्ष्य में। लेकिन सजग रहना हमारा काम है। सभी को मंगलमय शुभ कामनाएँ। हरिः ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
२ दिसंबर २०२४

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