राष्ट्र की अस्मिता यानि हमारे धर्म व अस्तित्व पर जब मर्मान्तक प्रहार हो रहे हैं, तब हमारा सर्वोपरी धर्म अपनी अस्मिता यानि धर्म और राष्ट्र की रक्षा करना है| हमें कोई मुक्ति नहीं चाहिए| हम तो नित्यमुक्त है, सारे बंधन भ्रम हैं| नित्यमुक्त को मुक्ति की कैसी कामना?
.
इस राष्ट्र का ब्रह्मतेज और क्षात्रत्व हम जागृत करेंगे, यह हम सब का संकल्प है| इस राष्ट्र को अन्धकार व असत्य से मुक्त करायेंगे| हम जीयेंगे तो स्वाभिमान और आत्म-गौरव से, अन्यथा नहीं रहेंगे|
.
इस लोकसभा के चुनाव में हम खुलकर राष्ट्रवाद का साथ देंगे, क्योंकि हमारा विचारपूर्वक किया हुआ संकल्प है कि भारतमाता अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखण्डता के सिंहासन पर बिराजमान हों, सनातन धर्म का पुनरोत्थान हो, व राम-राज्य की स्थापना हो|
.
जय जननी जय भारत ! ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२२ मार्च २०१९
.
इस राष्ट्र का ब्रह्मतेज और क्षात्रत्व हम जागृत करेंगे, यह हम सब का संकल्प है| इस राष्ट्र को अन्धकार व असत्य से मुक्त करायेंगे| हम जीयेंगे तो स्वाभिमान और आत्म-गौरव से, अन्यथा नहीं रहेंगे|
.
इस लोकसभा के चुनाव में हम खुलकर राष्ट्रवाद का साथ देंगे, क्योंकि हमारा विचारपूर्वक किया हुआ संकल्प है कि भारतमाता अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखण्डता के सिंहासन पर बिराजमान हों, सनातन धर्म का पुनरोत्थान हो, व राम-राज्य की स्थापना हो|
.
जय जननी जय भारत ! ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२२ मार्च २०१९
No comments:
Post a Comment