हमारे धर्म में एक ही परमात्मा है| इंद्र, वरुण, अग्नि, वायु और ब्रह्मा,
विष्णु, महेश आदि आदि सब उसी के विभिन्न रूप हैं| परमेश्वर का कौन सा रूप
हमारे लिए आदर्श है, उसी की हम उपासना करते हैं| हमारे हृदय में श्रद्धा
होगी तब यह सत्य भी समझ में आयेगा| सनातन वैदिक हिन्दू धर्म बहुदेववादी
नहीं है| भगवान तो एक ही हैं, पर उनकी अभिव्यक्तियाँ अलग अलग हैं| भगवान को
अलग अलग समझना हमारी अज्ञानता है|
No comments:
Post a Comment