Tuesday 2 October 2018

पाकिस्तानी भैंस .....

पाकिस्तानी भैंस .....
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पाकिस्तान में भैंस भी कोई बहुत ही धनवान व्यक्ति रख सकता है| गोधन तो वहाँ समाप्त कर दिया गया है, सारी गायों को मार मार कर लोग उनका मांस खा गए हैं| पूरे पाकिस्तान में एक भी गाय नहीं बची है| दूध का स्त्रोत या तो भैंस, बकरी, भेड़, गधी और ऊँटनी है या ऑस्ट्रेलिया से मंगाया हुआ दूध का पाउडर|
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अब गरीबी से तंग आकर लोग अपनी भैंसें भी बेचने लगे है| कहते हैं कि भैंस के दूध से बुद्धि मोटी होती है, अतः उनकी मोटी बुद्धि का कारण भैंस का दूध है| वहाँ के लोग इतने समृद्ध भी नहीं हैं कि अपनी बकरियों के दूध को गाढ़ा बनाने के लिए उन्हें नित्य एक किलो बादाम, काजू और किशमिश खिला सकें|
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कहते हैं कि गधी का दूध पीने से चेचक नहीं होता, बकरी के गाढ़े दूध से दिमाग ठंडा रहता है, ऊंटनी के दूध से ताक़त आती है, और गाय के दूध से बुद्धि तेज और शांत होती है| पाकिस्तान के शासकों को चाहिए कि भारत से देशी नस्ल की गायों का आयात करें, उन्हें प्रेम से पालें और उनका दूध पीयें| इस से उनकी बुद्धि तेज और स्वभाव शांत होगा| उनकी बंजर भूमि भी गाय के गोबर से उपजाऊ हो जायेगी| पर मोटी बुद्धि वाले इसे समझ नहीं पायेंगे|
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प्रधानमंत्री की कीमती कारें और भैंस बेचकर चीन की उधार नहीं उतार सकते| ग्वादर बन्दरगाह तो चीन का हो चुका है अब अगला नम्बर कराची का है| इंशा अल्लाह !


३० सितम्बर २०१८

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